नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारतीय दवा नियामक CDSCO द्वारा किए गए गुणवत्ता परीक्षणों में 50 से ज्यादा दवाइयां फेल हो गई हैं। इनमें पारासिटामोल सहित कई टैबलेट हैं जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, विटामिन, कैल्शियम डी3 सप्लीमेंट, जीवाणु संक्रमण और एसिड रिफ्लक्स से जुड़ी हैं। जानकारी के अनुसार पैरासिटामोल टैबलेट (500 MG), ग्लिमेपिराइड, टेल्मा एच (टेल्मिसर्टन 40 MG), पैन डी और कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल सी और डी3 शामिल हैं। इस सूची में HAL की एंटीबायोटिक मेट्रोनिडाजोल और टोरेंट द्वारा वितरित और उत्तराखंड में उत्पादित शेल्कल भी शामिल हैं।
नागपुर में टैल्कम पाउडर से बनी दवाएं
महाराष्ट्र के नागपुर में पुलिस ने नकली दवाओं के एक ऐस रैकेट का खुलासा किया है जो सरकारी अस्पतालों को टैल्कम पाउडर और स्टार्च से बने नकली एंटीबायोटिक्स की आपूर्ति करता था। रिपोर्ट के अनुसार ये नकली दवाएं भारत के विभिन्न राज्यों में वितरित की जाती थी। पुलिस के अनुसार ये दवाएं हरिद्वार के एक पशु चिकित्सालय की प्रयोगशाला में बनाई गई थीं।
BP की दवा अचानक बंद करने के कई रिस्क
आम तौर पर बीपी की दवा आजीवन खानी होती है। अगर असवाधानी से इसे बंद कर दियाए तो कई हेल्थ रिस्क हो सकते हैं। मसलन रिबाउंड हाइपरटेंशन यानी बीपी का तेजी से बढ़ना, सीने में दर्द, घबराहट, दिल की तेज धड़कन या पैरों और पंजों में सूजन जैसे साइड इफ़ेक्ट का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेलियर या अन्य जटिलताओं का जोखिम हो सकता है। सिरदर्द, चिंता. उत्तेजना आदि समस्या भी हो सकती है।