स्वस्थ भारत मीडिया
नीचे की कहानी / BOTTOM STORY

भारत में चिकित्सा कदाचार के हर साल हजारों मामले

सुरभि ग्लोरिया सिंह

नयी दिल्ली। पूरे भारत में अस्पतालों, क्लीनिकों और अन्य देखभाल केंद्रों में चिकित्सीय कदाचार प्रतिदिन होता है। 2022 में प्रकाशित नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के शोध से पता चलता है कि भारत में विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल सेटिंग्स में चिकित्सा कदाचार से संबंधित 5.2 मिलियन मामलों की वार्षिक घटना दर चिंताजनक है।

मेडिकल मुकदमेबाजी में आश्चर्यजनक वृद्धि

कवरयू के सीईओ और संस्थापक दीपांकर महाजन कहते हैं, यह समय के साथ 110 फीसद की तीव्र वृद्धि को दर्शाता है। मेडिकल मुकदमेबाजी के मामलों में 400 फीसद की आश्चर्यजनक वृद्धि देखी गई है। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल एथिक्स के एक अध्ययन से पता चलता है कि केवल 46 फीसद स्वास्थ्य सेवा प्रदाता नैतिक दिशानिर्देशों का पालन करते हैं। 80 फीसद चिकित्सीय त्रुटि से होने वाली मौतें सर्जिकल गलतियों के कारण होती हैं तो 70 फीसद आपातकालीन मौतें कुप्रबंधन के कारण होती हैं। सबसे अधिक कदाचार दर पंजाब (24 फीसद ), फिर पश्चिम बंगाल (17 फीसद ), महाराष्ट्र (16 फीसद ) और तमिलनाडु (11 फीसद ) में है।

चिकित्सीय कदाचार क्या है?

चिकित्सा कदाचार एक पेशेवर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा लापरवाही को संदर्भित करता है-चाहे वह डॉक्टर, नर्स, दंत चिकित्सक, तकनीशियन, अस्पताल या अस्पताल कर्मचारी हो। यह लापरवाही समान रूप से प्रशिक्षित और अनुभवी प्रदाताओं की तुलना में देखभाल के स्वीकृत मानक से भटक जाती है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर रोगी को नुकसान होता है।

Related posts

18 राज्यों से गुजरकर पहुंचे नगालैंड

Ashutosh Kumar Singh

विनोबा को श्रद्धांजलि देकर संपन्न हुई 21 हजार किमी लंबी स्वस्थ भारत यात्रा-2

Ashutosh Kumar Singh

देश को ब्रांड नहीं, जनऔषधि की है जरूरत

Ashutosh Kumar Singh

Leave a Comment