नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर अफवाहों के बीच लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) ने वैक्सीन के दुष्प्रभावों पर रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि जून 2022 तक देश में लगभग एक अरब वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी थी। इनमें ज्यादातर लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन ही लगी थी जिनमें से कुल 136 मरीजों में गंभीर दिक्कतों की बात सामने आई।
खतरे की बात कहना फिजूल
उधर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर आर. गंगा केटकर ने कहा है कि खून के थक्के जमने जैसी परेशानी पैदा करने वाला थ्रॉम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTSस) सिर्फ वैक्सीन लेने के 5 से 30 दिनों के अंदर ही हो सकता है। अब इससे साइडइफेक्ट नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि कोविशील्ड वैक्सीन के फायदे, नुकसान से कहीं ज्यादा हैं।
फाइज़र की वैक्सीन के असंख्य दुष्प्रभाव
वैक्सीन के साइड इफेक्ट फाइज़र के भी थे और कोर्ट में उसे दुष्प्रभावों का खुलासा करना पड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक परीक्षण किए गए 46 हजार लोगों में से 42 हजार को प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं मिलीं। 1200 लोग मरे। उसकी वैक्सीन से एक हजार से अधिक दुष्प्रभाव हुए जिसमें तीव्र श्वसन विफलता, दौरे, अप्लास्टिक एनीमिया, गठिया, अस्थमा, कार्डियक अरेस्ट, दिल की विफलता, सीने में असुविधा, घुटन, मधुमेह, ज़ोस्टर, चेहरे का पक्षाघात आदि भी रही।