नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारत ने उच्च रक्तचाप (BP) के खिलाफ किए गए प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और मान्यता प्राप्त की है। देश ने अपने भारत उच्च रक्तचाप नियंत्रण पहल (IHCI) के लिए संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार जीता है। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बड़े पैमाने पर उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए की गई पहल है। आईएचसीआई को भारत की मौजूदा प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणाली के भीतर अपने असाधारण कार्य के लिए सम्मानित किया गया है।
भारत के प्रयास को मान्यता
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित इस पहल की सराहना की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा-हम एक स्वस्थ और फिट भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), राज्य सरकारों व विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भारत की एक सहयोगी पहल के रूप में आईएचसीआई ने 21 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में 2022 यूएन इंटरएजेंसी टास्क फोर्स और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पर डब्ल्यूएचओ स्पेशल प्रोग्राम पुरस्कार जीता है। यह पुरस्कार गैर-संक्रमणकारी रोगों (एनसीडी) को रोकने व नियंत्रित करने और एकीकृत जन-केंद्रित प्राथमिक देखभाल प्रदान करने के क्षेत्र में भारत की उत्कृष्ट प्रतिबद्धता और कार्रवाई को मान्यता देता है।
चार में एक को उच्च रक्तचाप
इस पहल के महत्व का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि भारत में हर चार वयस्कों में से एक को उच्च रक्तचाप है। प्राथमिक देखभाल प्रणाली के स्तर पर उच्च रक्तचाप का नियंत्रण हार्ट अटैक, स्ट्रोक और गुर्दे के काम न करने के कारण होने वाली मौतों को कम करने में अपना योगदान देगा। इस पहल की शुरुआत 2017 में की गई थी और 23 राज्यों के 130 से अधिक जिलों को इसके दायरे में लाने के लिए चरणबद्ध तरीके से इसका विस्तार किया गया। इस पहल के तहत आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कल्याण केंद्र (HWC) सहित सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में उच्च रक्तचाप के 34 लाख से अधिक रोगी अपना उपचार करवा रहे हैं। IHCI के तहत जिन लोगों का इलाज किया गया, उनमें से लगभग आधे का रक्तचाप नियंत्रण में था।