नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। कोरोना काल में महामारी से मुकाबला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में पीएम केयर्स फंड बनायी थी। इस को लेकर सरकार विपक्ष के निषाने पर रही क्योंकि फंड के उपयोग या आ रही मदद को गोपनीय रखा गया था। अब सरकार ने वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा को इस फंड का ट्रस्टी बनाया है।
कुछ और दिग्गज मनोनीत
जानकार बताते हैं कि रतन टाटा ट्रस्ट की हालिया बैठक में भी शामिल हुए। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्माता सीतारमण भी मौजूद रहीं। उनके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश केटी थॉमस और लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर करिया मुंडा को भी पीएम केयर्स फंड का ट्रस्टी बनाया गया है। कई अन्य सम्मानित व्यक्तियों को भी ‘पीएम केयर्स’ फंड की सलाहकार समिति में नियुक्त किया गया है। बोर्ड में पूर्व कैग राजीव महर्षि, इन्फोसिस फाउंडेशन की पूर्व चेयरपर्सन सुधा मूर्ति, इंडिकॉर्प्स और पिरामल फाउंडेशन के पूर्व सीईओ आनंद शाह को भी स्थान मिला है। हाल की बैठक में नए चुने गए सदस्य भी शामिल रहे।
पीएम के दान से शुरू हुआ थ फंड
बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यासी बोर्ड के नए सदस्यों और सलाहकारों की भागीदारी से पीएम केयर्स फंड के कामकाज को व्यापक दृष्टिकोण मिलेगा। सार्वजनिक जीवन का उनका लम्बा अनुभव विभिन्न सार्वजनिक जरूरतों के लिए फंड को और अधिक उत्तरदायी बनाने में और अधिक ताकत प्रदान करेगा। यह फंड आपातकालीन राहत के रूप में कार्य करता है। फंड ने कोरोना वैक्सीन अभियान के पहले चरण में 2200 करोड़ का योगदान दिया था। यह टीकाकरण के पहले चरण की लागत का 80 फीसद से अधिक था। प्रधानमंत्री ने अपनी निजी बचत से 2.25 लाख रूपए फंड में दान कर के इसकी शुरुआत की थी।