अजय वर्मा
नयी दिल्ली। बांग्लादेश अब कालाजारमुक्त हो गया है। इस मामले में वह दुनिया का पहला देश बन गया है। यह रोग भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया में बहुत आम है। बांग्लादेश मई 2023 में लिम्फैटिक फाइलेरियासिस से भी मुक्त हो गया था। इस तरह वह एक ही वर्ष में दो रोगों का उन्मूलन करने वाला पहला देश बन गया है। मालदीव से अच्छी खबर है कि वह कुष्ठरोग से मुक्त हो गया है। यह जानकारी WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने दी है।
2026 तक उन्मूलन का था लक्ष्य
WHO ने एक वक्तव्य में कहा है कि बांग्लादेश में पिछले तीन वर्षों के दौरान उप-जिला स्तर पर कहीं भी लगातार 10 हजार की आबादी पर कालाजार के एक से ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं। यही वजह है कि WHO ने औपचारिक घोषणा कर दी है कि बांग्लादेश इस बीमारी से मुक्त हो चुका है। यह उपलब्धि बांग्लादेश सरकार, WHO, उष्णकटिबंधीय रोगों के अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए बनाए विशेष कार्यक्रम TDR, यूके सरकार, गिलियड साइंसेज आईएनसी, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, द इंटरनेशनल सेंटर फॉर डायरियल डिजीज रिसर्च और अन्य संगठनों के साझा प्रयासों का परिणाम है। 2022 में दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र को 2026 तक कालाजार मुक्त करने के लिए एक रूपरेखा तैयार की गई थी।
मालदीव- उत्तरी कोरिया से भी कुष्ठ-रूबेला का सफाया
ऐसी ही अच्छी खबर मालदीव से भी सामने आई है। मालदीव कुष्ठ रोग के प्रसार में रोकथाम की पुष्टि करने वाला पहला देश बन गया है। वहां लगातार पांच वर्षों से अधिक समय से किसी भी बच्चे में, कुष्ट रोग का कोई मामला नहीं पाए जाने के बाद यह मुकाम हासिल किया है। मालदीव ने 2030 तक कुष्ठ रोग उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 2019 में एक योजना की रूपरेखा जारी की थी। WHO ने इस बात की भी पुष्टि की है कि उत्तरी कोरिया में स्थानीय तौर पर रूबेला वायरस का सफाया हो चुका है।