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कैंसर का कारण बन रहा उपले-पराली जलाना

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। चूल्हे में आर्सेनिक वाले उपले और पराली जलाने से गॉल ब्लैडर का कैंसर हो रहा है। यह खुलासा केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला समेत देश के कई बड़े संस्थानों के अध्ययन में हुआ है। यह अध्ययन असम और बिहार में किया गया है। इसमें डॉ. भुवनेश्वर बरुआ कैंसर संस्थान, गुवाहाटी, महावीर कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र, पटना, सेंटर फॉर क्रोनिक डिजीज कंट्रोल, नई दिल्ली और अन्य संस्थान भी शामिल हुए।

कैंसर पर नया शोध

कैंसर जैसी बीमारी को नियंत्रण करने के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (BBAU) ने शोध किया है। इसमें कैंसर कोशिकाओं को मृत कोशिका में बदलने और कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने वाले केमिकल कंपाउंड की खोज की गई है। इसके उपयोग से कैंसर को किसी भी चरण में रोकने का दावा किया गया है। लैब में इसका सफल प्रयोग हो चुका है। जल्द ही चूहे पर इसका ट्रायल किया जाएगा। यह शोध नर्वस सिस्टम के कैंसर को छोड़कर सभी तरह के कैंसर के उपचार में सहायक हो सकता है।

मनमर्जी नहीं लें आई ड्रॉप

आंखों में किसी भी तरह की परेशानी होने पर अक्सर लोग बाजार से आई ड्रॉप खरीद लेते हैं लेकिन यह आदत खतरनाक है। इस लापरवाही से कॉर्नियल अल्सर मतलब आंख का अल्सर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है। कानपुर के अस्पताल के नेत्र विभाग में दो महीने में 17 ऐसे मामले आए हैं, जिनमें मरीजों ने स्टेरॉयड वाले आई ड्रॉप का इस्तेमाल किया था। इससे उनकी आंखों की रोशनी कम हो गई या उन्हें कॉर्निया का ऑपरेशन तक कराना पड़ा। एक्सपर्ट बताते हैं कि स्टेरॉयड वाले आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने से आंखों की कॉर्निया पर बुरा असर पड़ता है इसलिए डॉक्टर की लिखी दवा ही लें।

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