नयी दिल्ली /पटना (स्वस्थ भारत मीडिया)। रक्तदान महादान के क्षेत्र में 17 सितंबर का दिन ऐतिहासिक साबित होने वाला है। रक्तदान अमृत महोत्सव में देशभर में 2500 से ज्यादा ब्लड कैंप आयोजित हो रहे हैं। तैयारी के मुताबिक भारत का यह प्रयास गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो जायेगा। संयोग से 17 सितंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जन्मदिन है। महोत्सव 1 अक्टूबर तक चलेगा।
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने भी किया रक्तदान
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी इस मौके पर रक्तदान किया। अपने फेसबुक पेज पर उन्होंने लिखा कि मानवता के इस कार्य में जुड़कर मन प्रफुल्लित है। उन्होंने लोगों से अपील की कि आप भी इस महान कार्य का हिस्सा बनें। वे पिछले कई दिनों से रक्तदान की अपील करते आ रहे हैं।
पटना में कई कैंप लगे
रक्तदान के इसं महापर्व में पटना का माँ ब्लड सेंटर भी राजधानी में चार जगहों पर ब्लड डोनेशन कैंप के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहा है। माँ ब्लड सेंटर के प्रणेता मुकेश हिसारिया के प्रयास से पिछले कई सालों से यह पुनीत काम चल रहा है। उनकी मेहनत से ही सेंटर का अपना भवन बना और वहां निरंतर रक्तदान होता है।
रक्तदान की जरूरत क्यों?
रक्तदान की जरूरत इसलिये है क्योंकि आपात स्थिति में मरीजों को न केवल भटकना होता है बल्कि बेतहाशा खर्च भी होता है। मुकेश हिसारिया के अनुसार रक्त की कमी से औसतन 12 हजार मरीजों की हर रोज मौत हो जाती है। काफी प्रयास के बावजूद 11 मिलियन रक्त इकठ्ठा हो पाता है जबकि जरूरत 15 मिलियन रक्त की है। देश के 780 जिलों में से 40 से ज्यादा जिलों में एक भी ब्लड बैंक नहीं है।