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चीन में फटा निमोनिया बम, भारत कर रहा निगरानी

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। चीन में फैले एच9एन2 (Avian influenza virus) और बच्चों में सांस की बीमारी की स्वास्थ्य मंत्रालय बारीकी से निगरानी कर रहा है। एक विज्ञप्ति में मंत्रालय ने कहा है कि भारत को इससे कम खतरा है। वैसे भारत किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार है।

किसी भी स्थिति के लिए भारत तैयार

चीन में फैले इस रोग को देखते हुए हाल ही DGHS की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी। WHO द्वारा समग्र जोखिम मूल्यांकन से पता चलता है कि मानव से मानव में संक्रमण फैलने की संभावना कम है और डब्ल्यूएचओ को अब तक सूचितH9N2 के मानव मामलों में मृत्यु दर भी कम है। भारत इस तरह के सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों से निपटने की दिशा में एक समग्र और एकीकृत रोडमैप अपनाने के लिए एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण शुरू कर रहा है। विशेष रूप से कोविड महामारी के बाद से स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को भी काफी मजबूत किया गया है।

कोविड-19 जैसी बात नहीं

हालांकि, चीन में अब तक कोविड काल जैसे मास्क पहनना और स्कूलों को बंद करने के आदेश लागू नहीं हुए हैं। मेलबर्न स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज के प्रमुख ब्रूस थॉम्पसन ने कहा है कि प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ भी हैरान या परेशान करने वाला मामला नहीं है। उनके मुताबिक ऐसा कुछ नहीं मिला है, जिसको लेकर कहा जाए कि यह कोविड का एक नया संस्करण हो सकता है।

क्या होता है निमोनिया?

एक्सपर्ट के म1ताबिक जब किसी को निमोनिया होता है तो फेफड़ों में मवाद और तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे सांस लेने में दर्द होता है। ये संक्रमण आम तौर पर संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क से फैलते हैं। जहां तक लक्षण की बात है, इसमें खांसी, सांस लेने में कठिनाई, बुखार, पसीना और कंपकंपी वाली ठंड लगना, थकान, छाती में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त, भ्रम (विशेषकर वृद्ध वयस्कों में) आदि नजर आते हैं। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी डाइट लें, आराम करें और नियमित रूप से एक्सरसाइज भी करें।

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