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कोरोनाःहाइटेक स्वास्थ्य चर्चा से उप-नगरों के लोग हो रहे हैं लाभान्वित

कोरोना-काल ने सबको बदला है। जो नहीं बदले हैं उन्हें भी जीवन के नव तौर-तरीकों को सीख लेना चाहिए। दिनचर्या को पुनःपरिभाषित करने का वक्त आ गया है

 

आशुतोष कुमार सिंह

नई दिल्ली/मेरठ/6.05.20
 कोरोना के संग-संग लोग जीना सीखने लगे हैं। स्वास्थ्य चर्चा अब सेमिनारों में न होकर वेबिनारों में होने लगा है। तकनीक को लोगों ने अंगीकार करना शुरू कर दिया है। सबसे सकारात्मक बात यह है कि तकनीक की मदद अब छोटे शहर के लोग भी करने लगे हैं। इसका ताजा उदाहरण यूपी के मेरठ में देखने को मिला है। जहां पर एक स्वयंसेवी संस्था वेबिनारों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है।
 मेरठ की स्वयंसेवी संस्था ग्लोबल सोशल कनेक्ट वेबिनारों के माध्यम से स्थानीय लोगों को कोरोना काल में सेहतमंद रहने के उपाय बता रही है। इसी कड़ी में इस संस्था ने डॉ. तुनराज सिरोही के माध्यम से लोगों में कोरोना से बचने के उपायों की जानकारी दी। 
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इस बावत संस्था की अध्यक्षा रिचा सिंह ने स्वस्थ भारत मीडिया को बताया कि, कोरोना काल में कैसे बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखा जाए इस विषय पर उनकी संस्था वेबिनारों का आयोजन करा रही है। उन्होंने कहा कि, शहरों में तो लोगों तक बहुत-सी जानकारियां पहुंच जाती हैं लेकिन उप-नगरों में अभी भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का बहुत अभाव है। इस अभाव को पाटने का प्रयास हमारी संस्था कर रही है। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में उनकी संस्था ने जाने-माने फिजिशियन डॉ. तनुराज सिरोही के अनुभवों को लोगों के बीच ले जाने का प्रयास किया है। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए डॉ. सिरोही ने बिन्दुवार तरीके से लॉकडाउन की परिस्थितियों के बारे में लोगों को अवगत कराया। उन्होंने आइसोलेशन, क्वारंटाइन, आरोग्य सेतु, सेल्फ क्वारंटाइन जैसे तमाम विषयों के बारे में लोगों को अवगत कराया।

वैक्सीन आने में अभी देरी है

इस वेबिनार को संबोधित करते हुए डॉ. सिरोही ने कहा कि अभी कोरोना की वैक्सीन हम तक पहुंचने में 1 वर्ष से अधिक का समय लगेगा।अभी हमें कोरोना के साथ ही रहना है। इस बात को ध्यान रखें तथा हैंड हाइजीन और रेस्पिरेट्री हाइजीन का ख्याल रखें। बाहर निकलने पर मास्क और  ग्लव्स का प्रयोग अवश्य करें। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि,  सरकार  त्वरित रूप से फल सब्जी आदि बेचने वालों की जांच करवाएं और उन्हें सर्टिफिकेट वितरित करें तथा जिनके पास स्वास्थ्य प्रमाणपत्र हो उन्हें ही सब्जी आदि के वितरण की अनुमति दें।

तापमान मापक घड़ी के लिए दिया सुझाव

सरकार के द्वारा आरोग्य सेतु ऐप की शुरुआत को एक अच्छी पहल मानते हुए डॉ सिरोही ने कहा कि, बीमारियों से लड़ने के लिए तकनीकी का सहारा लेना जरूरी है। इस तरह की बीमारियों को हम तकनीक से ही हरा सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह की सस्ती घड़ियां विकसित की जा सकती है जो कि एक व्यक्ति की हृदय गति, उसका तापमान आदि की जानकारियां उस व्यक्ति को भी दें तथा सरकार को भी दें। जिससे संक्रमित होने पर व्यक्तियों की पहचान तुरंत की जा सके। 

इन बातों का रखें ध्यान

  • स्वच्छता अर्थात हाइजीन का अत्यधिक ख्याल रखना जरूरी है। 20 से 50 सेकंड तक साबुन से सही ढंग से हाथ दिन में कई बार धोना अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  • लोगों के मध्य कम से कम 3 से 6 फीट की दूरी रखी जाए। बुजुर्ग लोगों से आवश्यक रूप से 6 फीट की दूरी रखी जाए। क्योंकि इस रोग के बुजुर्गों पर ज्यादा असर दिख रहा है।
  • यह बीमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी हुई है। अतः शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के प्रयास किए जाएं।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नियमित दिनचर्या होना अति आवश्यक है। मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें, जूस आदि का सेवन करें, गर्मियों में पानी पीने की मात्रा को बढ़ा दें।
  • 6 से 8 घंटे की नियमित नींद लेना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि नींद शरीर में से इनफेक्शंस को दूर करने का काम करती है। बीमारियों से दूर रहने के लिए उचित नींद लेना अत्यंत आवश्यक है।
  • आजकल मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग के कारण लोगों की नींद बहुत बाधित हो रही है। क्योंकि मोबाइल से निकलने वाली ब्लू रे मस्तिष्क पर असर डालती है और नींद उड़ा देती हैं। अतः सोने से एक घंटा पहले टीवी और मोबाइल आदि से दूरी बना ले।
  • प्रतिदिन व्यायाम और योगा आदि अवश्य करें।

 इस वेबिनार का संचालन ग्लोबल सोशल कनेक्ट की अध्यक्षा रिचा सिंह , उपाध्यक्ष अभिषेक शर्मा तथा सचिव अमित गिरी ने किया। इस वेबिनार में स्वस्थ भारत मीडिया की सीइओ प्रियंका सिंह भी भागीदार रहीं।
 

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