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कोरोना वैक्सीन से पैनिक की जरूरत नहीं : एक्सपर्ट

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर भले ही तूफान उठा हो लेकिन एक्सपर्ट दावा कर रहे हैं कि ऐसा कुछ है नहीं। साइड इफेक्ट से मौत 10 लाख में सिर्फ 1 अनुमानित है। उनकी सलाह है कि इससे पैनिक न हों लोग। दवा या वैक्सीन कोई अमृत नहीं है। हर दवा के दुष्प्रभाव होते हैं लेकिन जान बचा लेते हैं। दुष्प्रभाव अधिकतम 6 महीने के भीतर आ जाते हैं। सालों-साल नहीं छिपे रहेंगे।

फायदा ज्यादा मिला, नुकसान कम

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय कहते हैं कि कोरोना से बचाव का तत्काल कोई विकल्प नहीं था। इसलिए जल्दबाजी में वैक्सीनें बनी। फिर WHO ने जांच कर सिफारिश की तब बाजार में उतारा गया। आंकड़े गवाह हैं कि टीके से फायदा ज्यादा और जोखिम कम रहा। सफदरजंग अस्पताल के प्रिवेंटिव कम्युनिटी मेडिसन के निदेशक प्रोफसर डॉ. जुगल किशोर कहते हैं कि दुनिया भर में करोड़ों लोगों ने यह टीका लिया। भारत में इसका 200 करोड़ डोज टीका लगा।

200 शवों पर हुआ शोध

एम्स के फारेंसिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा कि वैक्सीन के कारण किसी की मौत हुई हो ऐसा हमें नहीं लगता। कोरोना के बाद अचानक कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के कारण हो रही मौत का कारण जानने के लिए करीब 200 शवों पर शोध किया गया। इसमें पाया कि करीब आधे मरीजों की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण नहीं हुई थी। इनकी मौत के पीछे दूसरे कारण मिले।

दाल और तुलसी के भी हैं साइड इफेक्ट

एक एक्सपर्ट ने मीडिया को बताया कि आप प्रोटीन के लिए दाल खाते हैं। लेकिन, इसका बाई प्रोडॅक्ट नाइट्रोजनस सब्सटेंस निकलता है, जो पेशाब के रास्ते बाहर कर दिया जाता है। अगर, ये निकलें तो किडनी बैठ सकती है। यही साइड इफेक्ट्स है। वे कहते हैं कि तुलसी के पत्ते के फायदे बहुत होते हैं। लेकिन अगर इसे रेगुलर चबाया जाए तो एक महीना होते-होते आपके दांतों का एनामल खराब हो जाएगा।

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