नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PMJAY) के तहत आयुष पैकेज को शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है। इसेे लागू करने के मॉडल पर आवश्यक विचार-विमर्श के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) और केंद्रीय आयुष मंत्रालय के बीच बैठकें आयोजित की गई हैं। हितधारकों से भी परामर्श किए गए हैं। पैकेज डिजाइन, पैकेज लागत, आयुष अस्पताल ऑन-बोर्डिंग, मानक उपचार दिशानिर्देश (STG), वित्तीय संसाधन सहित आयुष पैकेज एकीकरण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा जारी है। यह जानकारी लोकसभा में आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
लद्दाख में अनुसंधान केंद्र
उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा कि आयुष मंत्रालय के अंतर्गत नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड, लद्दाख संघ शासित प्रदेश सहित पूरे देश में औषधीय पौधों के संरक्षण, विकास और सतत प्रबंधन पर एक केंद्रीय क्षेत्र योजना का क्रियान्वयन कर रहा है, जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के हर्बल उद्यानों को विकसित करने तथा वन क्षेत्रों में औषधीय पौधों के संरक्षण, संसाधन संवर्धन के लिए परियोजना आधारित सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। 2023-24 में केंद्रीय बौद्ध विद्या संस्थान (CIBS), चोगलामसर, लेह, लद्दाख के परिसर में “हर्बल गार्डन की स्थापना” को भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा लद्दाख के ठंडे रेगिस्तानों में औषधीय पौधों के संरक्षण, जर्मप्लाज्म संग्रह और संसाधन संवर्धन से संबंधित प्रोजेक्ट की स्थापना भी की गई है, जिसकी स्वीकृत राशि 156.84 लाख रुपये है।
औषधीय पौधों पर किसानों को प्रशिक्षण
आयुष मंत्री ने एक और सवाल पर बताया कि राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (NMPB), आयुष मंत्रालय औषधीय पौधों की अच्छी कृषि पद्धतियों (GAP) और अच्छी क्षेत्र संग्रहण पद्धतियों (GFCP) के लिए किसानों को प्रशिक्षित करने हेतु पूरे देश के विभिन्न संगठनों को प्रशिक्षण दे रही है। इससे 2015-16 से 2023-24 तक कुल 14352 किसान लाभान्वित हुए हैं। भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) ने 76 प्रशिक्षण कार्यक्रम किए हैं और औषधीय पौधों की अच्छी कृषि पद्धतियों और अच्छी क्षेत्र संग्रहण पद्धतियों पर 4408 किसानों को प्रशिक्षित किया है।