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एनीमिया नेशनल राइड का मकसद महिलाओं में स्वास्थ्य जागरूकता लाना

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (FOGSI) द्वारा आयोजित ‘नारी स्वास्थ्य जन आंदोलन यात्रा-एनीमिया नेशनल राइड’ डॉ. हृषिकेश पाई के ‘बदलाव’ अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारतीय महिलाओं में समग्र स्वास्थ्य जागरूकता लाना है, विशेष रूप से एनीमिया की रोकथाम। यात्रा 28 नवंबर 2022 को ऋषिकेश से शुरू हुई थी और 5 राज्यों और 20 से अधिक शहरों को कवर करते हुए जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में कोलकाता में समाप्त होगी।

महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य पर केंद्रित यात्रा

FOGSI के अध्यक्ष डॉ. हृषिकेश डी. पाई ने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य और प्रजनन अधिकारों का समर्थन करने और बढ़ावा देने के लक्ष्य और दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए और महिलाओं में एनीमिया पर जागरूकता फैलाने की तीव्र आवश्यकता पर विचार करते हुए हमने यात्रा का आयोजन किया है। भारत में एनीमिया के मामलों को कम करने के लिए एक बहु-स्तरीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है जिसमें उच्च स्तर की जागरूकता पैदा करना, व्यवहार परिवर्तन के स्तर का संचार और महिलाओं के पोषण व स्वास्थ्य आवश्यकताओं से संबंधित चुनौतीपूर्ण सामाजिक मानदंड शामिल हैं। यह यात्रा महिलाओं के स्वास्थ्य के सभी पहलुओं  पर केंद्रित कॉर्पाेरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) अभियान मेरा बदलाव (चेंज) का हिस्सा है। ‘बदलाव’ क्लिनिक हर महीने की 18 तारीख को महिलाओं को मुफ्त स्वास्थ्य जांच की सुविधा उपलब्ध कराएगा।

एनीमिया के बढ़ते प्रसार को रोकना होगा

डॉ. पाई ने कहा-इस यात्रा का उद्देश्य देश में एनीमिया के बढ़ते प्रसार की रोकथाम और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाना है और महिलाओं के बीच समग्र स्वास्थ्य जागरूकता लाने के लिए समस्त आयामों पर ध्यान देना है। मैंने यह यात्रा 28 नवंबर को ऋषिकेश में गंगा नदी के पवित्र तट से शुरू की थी। स्वास्थ्य संदेश और वीडियो दिखाने वाली बड़ी स्क्रीन वाली बस और वीडियो वैन का अनावरण सुश्री करिश्मा कपूर ने किया और हरी झंडी दिखाई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के हाथों देहरादून में यात्रा की औपचारिक शुरुआत हुई।

7 शहरों में 50 घंटे से अधिक यात्रा

उन्होंने कहा कि पिछले 2 हफ्तों में ऋषिकेश, देहरादून, गाजियाबाद-खोरा मकनपुर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा और कानपुर सहित 7 शहरों को 1100 किमी और 50 घंटे से अधिक सड़क यात्रा के साथ कवर किया गया है। रास्ते में पड़ने वाले बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए। अब तक हजारों महिलाएं इससे लाभान्वित हो चुकी हैं और अभी 14 और शहरों में जाना है, जिससे उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल है। डॉ. पाई ने बताया कि सभी शहरों में यात्रा का गर्मजोशी
से स्वागत हुआ। सांसद-विधायकों की भागीदारी रही। हर षहर की स्त्रीरोग विशेषज्ञों ने पूरी सक्रियता से इसमें भाग लिया।

2 में 1 महिला को एनीमिया

एनीमिया भारत में एक प्रमुख जन स्वास्थ्य चिंता है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रत्येक 2 में से 1 महिला को एनीमिया है और इसका प्रसार सामान्य महिलाओं में लगभग 57 प्रतिशत और गर्भवती महिलाओं में 52 प्रतिशत है। इसके अलावा, भारत के अधिकांश राज्यों में पिछले आधे दशक में महिलाओं में एनीमिया की स्थिति गंभीर हुई है। हाल ही में हुए सर्वेक्षण से पता चला है कि 66.4 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। तीन राज्यों झारखंड (65.2 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (62.5 प्रतिशत), और बिहार (60.3 प्रतिशत) में एनीमिया के सबसे अधिक मामले हैं। एनीमिया के अलावा, महिलाओं को अपने जीवन में कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसे वे नज़रअंदाज़ करती हैं। इसलिए पूरे देश में जागरूकता फैलाने की जरूरत है।

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