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आयुर्वेद आहार अब FSSAI मार्का होंगे, सरकार ने दी मंजूरी

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। आयुष मंत्रालय और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने ‘आयुर्वेद आहार‘ श्रेणी के तहत खाद्य उत्पादों के लिए सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों के नियम तैयार किए हैं। यह व्यापक पहल गुणवत्ता वाले आयुर्वेद खाद्य उत्पादों का निर्माण सुनिश्चित करेगी और मेक-इन-इंडिया उत्पादों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार का विस्तार करने में मदद करेगी। आयुष मंत्रालय को विश्वास है कि ये नियम आयुष प्रणाली के संरक्षक के रूप में भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करेंगे।

मानक युक्त होंगे ये आहार

नियम के अनुसार, ‘आयुर्वेद आहार‘ उत्पादों का उत्पादन और विपणन अब सख्त खाद्य सुरक्षा और मानक (आयुर्वेद आहार) विनियम के नियमों का पालन करेगा और एफएसएसएआई से लाइसेंस या अनुमोदन के बाद ही बाजार में उपलब्ध होगा। आयुर्वेद आहार श्रेणी के लिए एक विशेष लोगो (logo) बनाया गया है जो आयुर्वेद खाद्य उत्पादों में आसानी से पहचान और गुणवत्ता को सुदृढ़ करेगा। आयुष मंत्रालय मानता है कि खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता निर्माताओं, उपभोक्ताओं के बीच एक साझा जिम्मेदारी है और हमारे द्वारा उपभोग किए जाने वाले भोजन को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए सभी की भूमिका है। कोविड-19 महामारी के फिर से शुरू होने के बाद भोजन, पोषण, स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने के बाद इसे और मजबूत किया गया है।

बच्चों के लिए नहीं होगा आयुर्वेद आहार

नियमों के अनुसार, आयुर्वेद की आधिकारिक पुस्तकों में वर्णित व्यंजनों, अवयवों, प्रक्रियाओं के अनुसार तैयार किए गए सभी भोजन को आयुर्वेद आहार माना जाएगा। स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए खाद्य व्यंजनों और सामग्री, विशिष्ट शारीरिक आवश्यकताओं और निर्दिष्ट बीमारियों के दौरान या बाद में उपभोग के लिए निर्दिष्ट खाद्य पदार्थ, आयुर्वेद में पथ्य के रूप में संदर्भित विकार इन नियमों के तहत आते हैं। आयुर्वेद आहार की लेबलिंग में इच्छित उद्देश्य, लक्षित उपभोक्ता समूह, उपयोग की अनुशंसित अवधि और अन्य विशिष्ट आवश्यकताएं निर्दिष्ट होंगी। आयुर्वेद आहार की विभिन्न श्रेणियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी दावे और रोग संबंधी जोखिम में कमी के दावे तथा उनकी स्वीकृति प्रक्रिया विनियमों में निर्दिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार होगी। हालांकि, ‘आयुर्वेद आहार‘ में आयुर्वेदिक दवाएं या प्रोपराइटरी आयुर्वेदिक दवाएं और औषधीय उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन, नारकोटिक या साइकॉट्रॉपिक पदार्थ तथा जड़ी-बूटियां शामिल नहीं होंगी। इसके अलावा 2 साल से कम उम्र के छोटे बच्चों के लिए आयुर्वेद आहार की भी सिफारिश नहीं की जाती है।

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