नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। नेशनल कमीशन फार इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (NCISM) के सचिव प्रभारी बीपी मेहरा ने आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और सोवा-रिग्पा कॉलेजों को पत्र लिखकर कहा है कि आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और सोवा-रिग्पा (आयुष) के छात्रों को मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए राष्ट्रीय निकास परीक्षा (NeXT) पास करनी पड़ेगी। परीक्षा में वह छात्र शामिल हो सकेंगे जिनकी यूजी की डिग्री का अंतिम वर्ष हो या जिन्होंने न्यूनतम दो सौ सत्तर दिन की इंटर्नशिप कर ली हो।
जोंबी वायरस से महामारी का खतरा
वैज्ञानिकों ने दुनिया को एक नई संभावित महामारी को लेकर आगाह किया है। वैज्ञानिकों ने अलर्ट किया है कि हमें नई महामारी के खतरे को लेकर सावधान रहना चाहिए। इसके लिए जोंबी वायरस को संभावित कारण माना जा रहा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि बर्फ के बड़े हिस्से के नीचे 48 हजार साल पुराने जोंबी वायरस मिलने की खबरें हैं। आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से ये वायरस निकल सकते हैं, जिससे एक बड़ी बीमारी का प्रकोप और नई वैश्विक चिकित्सा आपात की स्थिति पैदा होने का भी खतरा हो सकता है। ग्लोबल वार्मिंग इसकी प्रमुख वजह होगी।
मधुमेह की नयी दवा लाने की तैयारी
भारत के 17,400 करोड़ के मधुमेह दवा बाजार में बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी है, जिसमें बड़ी फार्मा कंपनियां टाइप 2 मधुमेह और मोटापे के इलाज में उपयोग की जाने वाली दवाओं की एक नई श्रेणी को लॉन्च करने की योजना बना रही हैं। ग्लूकागन-जैसे पेप्टाइड रिसेप्टर एगोनिस्ट (GLP-1RA) अग्न्याशय में जीएलपी-1 रिसेप्टर्स को सक्रिय करके काम करता है, जिससे इंसुलिन रिलीज में वृद्धि होती है और ग्लूकागन रिलीज प्रतिक्रियाएं कम हो जाती हैं। इन दवाओं के क्लिनिकल परीक्षणों से पता चला है कि ये ग्लाइसेमिक मापदंडों को कम करते हैं और वजन घटाने को बढ़ावा देते हैं।