नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। आयुष्मान भारत योजना में 1760 बीमारियों का इलाज होता है। लेकिन अब सरकार ने इसमें से 196 बीमारियों को निजी अस्पताल में होने वाले उपचार से हटा दिया है। इसमें मलेरिया, मोतियाबिंद, सर्जिकल डिलीवरी, नसबंदी और गैंग्रीन जैसी बीमारियां हैं। सूत्र बताते हैं कि इन 196 रोगों का इस योजना में उपचार सरकारी अस्पतालों में मिलता रहेगा।
युवा वर्ग में भी स्ट्रोक का खतरा
स्ट्रोक अब धीरे-धीरे युवाओं को भी अपना शिकार बना रही है। एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती होने वाले 20 साल से कम उम्र के हर 100 मरीजों में से दो को स्ट्रोक हो चुका है। डॉक्टरों का कहना है कि इसका मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर था। 21 से 45 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों में यह स्थिति और भी गंभीर है, जहां एक साल में स्ट्रोक के कारण 300 में से 77 मरीज भर्ती हुए। एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर अवध किशोर पंडित ने बताया कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एम्स में पहली बार स्ट्रोक के मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर के मामलों का अनुपात बढ़ रहा है। पांच साल पहले एम्स द्वारा किए गए एक अध्ययन में कुल 260 रोगियों में से 65 प्रतिशत में हाई ब्लड प्रेशर पाया गया था।