फरीदाबाद (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज भारतीय समस्याओं के भारतीय समाधान खोजने का आह्वान किया क्योंकि भारत विकसित और वैज्ञानिक रूप से उन्नत देशों के समूह में अग्रणी राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। वे फरीदाबाद में 9वें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) का उद्घाटन कर रहे थे।
विकसित भारत@2047 का लक्ष्य
उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में लगातार मिल रही सफलता का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश है, भारत की वैक्सीन की सफलता की कहानी दुनिया भर में उद्धृत की जाती है और अरोमा मिशन ने कई स्टार्टअप को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष सुधार ला रहे पीपीपी मॉडल; अनुसंधान एनआरएफ, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति आदि विकसित भारत@2047 को पूरा करने में मदद करेगी।
अंतरिक्ष क्षेत्र में 199 स्टार्टअप
डॉ. सिंह ने कहा कि 2014 में अंतरिक्ष क्षेत्र में केवल एक स्टार्टअप से अब हमारे पास 199 अंतरिक्ष स्टार्टअप हैं। अप्रैल से दिसंबर 2023 तक स्पेस स्टार्टअप्स से 1,000 करोड़ से अधिक का निवेश आया है। भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था आज मामूली 8 बिलियन की है, लेकिन हमारा अपना अनुमान है कि 2040 तक यह 40 बिलियन तक पहुंच जाएगी। कुछ अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के अनुसार 2040 तक 100 बिलियन डॉलर की क्षमता हो सकती है।