नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। मेडिकल क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को क्रांति माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में तकनीकि विकास की मदद से स्वास्थ्य क्षेत्र पर पड़ने वाला अनावश्यक दबाव कम होगा। हालिया शोध में वैज्ञानिकों ने बताया कि एआई की मदद से कैंसर की स्क्रीनिंग आसान होगी, समय पर रोग का पता लगाने और रोग के उपचार में मदद मिल सकेगी। AI के इस रोल को समझने के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने एक अध्ययन किया जिसमें काफी आशाजनक परिणाम देखने को मिले हैं। द लैंसेट ऑन्कोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि इसके माध्यम से की जाने वाली मैमोग्राफी स्क्रीनिंग, मानक स्क्रीनिंग की तुलना में अधिक आसानी और गुणवत्ता के साथ स्तन कैंसर का पता लगाने में सहायक हो सकती है। स्तन कैंसर महिलाओं में कैंसर के कारण होने वाली मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है।
ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग में मिलेगी मदद
स्विडन स्थित यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि AI सपोर्टेड मैमोग्राफी की मदद से स्तन में ट्यूमर के बारे में आसानी से पता लगाने में मदद मिल सकती है। इससे रेडियोलॉजिस्ट पर दबाव तो कम होगा ही, साथ ही समय पर स्तन कैंसर के मामलों की जांच में भी मदद मिल सकेगी। 80 हजार से ज्यादा स्वीडिश महिलाओं पर किए गए शोध में AI के माध्यम से अधिक बेहतर तरीके से कैंसर की स्क्रीनिंग के बारे में जानने को मिला।
अध्ययन में क्या पता चला?
शोध में शामिल 80 हजार महिलाओं को दो समूहों में बांटा गया। पहले में इंटरवेशन (40,003 महिलाएं) और दूसरे में AI सपोर्टेड स्क्रीनिंग से गुजरी महिलाएं (40,030) थीं। इस अध्ययन में मानक कैंसर स्क्रीनिंग की तुलना में AI द्वारा की गई स्क्रीनिंग को अधिक प्रभाविकता वाला पाया है। मीडिया में चल रही खबर के मुताबिक AI की मदद से 20 प्रतिशत अधिक सटीकता के साथ समस्या का पता लगाना आसान था। इसमें गलत रिपोर्ट आने का भी जोखिम काफी कम होता है। कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते समस्या का निदान हो जाता है तो इसका इलाज तो आसान होता ही है साथ ही रोगी के जान बचने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है।