नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्र सरकार ने बूस्टर डोज के लिए कॉर्बेवक्स वैक्सीन को मंजूरी दी है। यह वैक्सीन बॉयोलॉजिकल-ई कंपनी की है। इसे कोवीशील्ड और कोवैक्सिन लगवा चुके वयस्क भी बूस्टर के तौर लगवा सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख् मांडविया के मुताबिक यह वैक्सीन 12 अगस्त से दी जायेगी।
पहली स्वदेशी वैक्सीन
जानकारी के अनुसार नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्युनाइजेशन (NTAGI) ने इसी माह कॉर्बेवैक्स को बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल करने की सिफारिश की थी। भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित यह वैक्सीन कॉर्बेवैक्स का इस्तेमाल फिलहाल 12 से 14 साल वाले बच्चों को किया जा रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब बूस्टर डोज के लिए पहले लगाई गई वैक्सीन से इतर कोई वैक्सीन देश में लगाई जाएगी। निर्देष के अनुसार दूसरे डोज के बाद 6 महीने या 26 हफ्ते बाद बूस्टर डोज में यह लगाया जा सकता है।
की जा चुकी है जांच-परख
कोविड वर्किंग ग्रुप (CWG) ने जुलाई में ही डबल-ब्लाइंड रैंडमाइज्ड फेज-3 क्लिनिकल स्टडी के डेटा का रिव्यू किया था। इसके आधार पर वयस्क को लगाए जाने के बाद इसके असर को आंका गया। नतीजा में साबित हुआ कि कॉर्बेवैक्स को बूस्टर के तौर पर लगाने के बाद एंटीबॉडी में इजाफा हुआ है। इससे पहले ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कॉर्बेवैक्स को 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज के तौर पर मंजूरी दी थी।