देश भर में 8700 से अधिक केंद्र खुले
नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। आप एक सपना देखिये…उसे पाने या कहिये उसे पूरा करने की ठान लीजिये तो तय मानिये कि वह चरितार्थ होकर ही रहेगा। भारत में जनऔषधि सब तक पहुंच सके, यह सपना 10 साल के सतत संघर्ष के बाद पूरा होता दिखता है। बताते हैं कहानी।
जेनमैन की जिद्द साकार
अब जेनमैन के नाम से परिचित आशुतोष कुमार सिंह ने यह सपना 10 साल पहले देखा और इसके लिए जिद्द ठान ली क्योंकि इसी में आमजन की भलाई थी। वे कहते हैं-‘जिद्द करो, जीत आपकी होगी। जनऔषधि को लेकर मेरी जो जिद्द है, आज उसका फल नज़र आ रहा है। 10 वर्षों का यह सफर आसान नहीं रहा है।’
8700 से अधिक जन औषधि केंद्र
दरअसल, जन औषधि केंद्र ने सभी के लिए सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए देश भर में फैले 8700 से अधिक केंद्रों के निशान को पार कर लिया है और सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं प्रदान करता है। एक देश-एक मिशन के आदर्श वाक्य पर काम करना है। वे कहते हैं-आपको एक बेहतर और स्वस्थ भविष्य का वादा है।