नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारत गुणवत्ता आधारित स्वास्थ्य देखभाल में विश्वास रखता है और सभी को उच्च गुणवत्ता तथा लागत प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। वसुधैव कुटुम्बकम के भारतीय दर्शन के अनुरूप भारत ने किसी भी देश के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा के रूप में Co-win प्लेटफार्म की पेशकश की है। भारत डब्ल्यूएचओ को एक डिजिटल सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के तौर पर को-विन प्लेटफार्म उपलब्ध कराया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने यह बात कही। वे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में स्वास्थ्य मंत्रियों के वर्चुअल सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे।
Heal In India जल्द होगी लॉंन्च
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भारत अपनी जी-20 स्वास्थ्य प्राथमिकताओं में ग्लोबल साउथ की आवश्यकताओं और मांग को आत्मसात करने का प्रयास करता है। डॉ. मांडविया ने कहा कि जल्द ही लॉन्च होने वाली Heal In Iindia पहल के तहत भारत का लक्ष्य विदेशों में रोगियों के लिए अपना स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना और भारत को दुनिया भर के रोगियों की सहायता हेतु चिकित्सा तथा मूल्य-आधारित स्वास्थ्य देखभाल के उद्देश्य एक वैश्विक केंद्र बनाना है।
भारत के पास लाखों डॉक्टरों की ताकत
उन्होंने कहा कि भारत के पास 13 लाख से अधिक एलोपैथिक डॉक्टरों, 34 लाख नर्सों और 8 लाख आयुष (आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध व होम्योपैथी) डॉक्टरों की ताकत है जिसके बूते हम गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती चिकित्सा देखभाल के माध्यम से सभी देशों के रोगियों को आवश्यक देखभाल प्रदान कर सकेंगे। उन्होंने जानकारी दी कि भारत स्वास्थ्य, कल्याण और जन-केंद्रित देखभाल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता का दोहन करने के लिए ग्लोबल साउथ में भागीदारों के साथ काम करने की इच्छा भी रखता है।
कई देशों के प्रतिनिधि रहे मौजूद
इस सत्र में भूटान, कैमरून, ग्रेनेडा, ग्वाटेमाला, लाइबेरिया, मलावी, नाइजर, समोआ, इस्वातिनी, पैराग्वे और डोमिनिका के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।