अजय वर्मा
नयी दिल्ली। बहुत कम लोग जानते हैं कि केंद्र सरकार 5 साल तक के बच्चों में कॉक्लियर इम्प्लांट के निःशुल्क सर्जरी की योजना चला रही है। यानी जो बच्चे जन्म से ही सुनने में अक्षम होते हैं, वे इस सर्जरी के बाद आम बच्चों की तरह सक्षम हो जाते हैं। खास बात यह है कि इसके सर्जरी की लागत 6 लाख आती है।
मंत्री के ट्वीट से मिली जानकारी
यह जानकारी केंद्रीय बिजली और भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर के एक ट्वीट से सामने आयी है जिसमें उन्होंने लिखा कि 2014 के बाद जब से प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी ने देश की बागडोर संभाली है, तब से निरंतर जनहित के लिए कार्यरत हो रहे हैं। उन्हीं में से एक है निःशुल्क कॉक्लियर इंप्लांट योजना जिसमें अधिकतम 5 वर्ष की आयु वाले बच्चों का निःशुल्क ऑपरेशन कराया जाता है। इसे शेयर करते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया-बहुत अच्छी जानकारी। बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए हम सदैव समर्पित हैं।
क्या है यह सर्जरी
कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी सामान्य रूप से बेहोश करके की जाती है। सर्जन कान के पीछे स्थित मस्तूल की हड्डी को खोलने के लिए एक चीरा लगाते हैं। चेहरे की नस की पहचान की जाती है और कोक्लियर का उपयोग करने के लिए उनके बीच एक रास्ता बनाया जाता है और इसमें इंप्लांट इलेक्ट्रोड्स को फिट कर दिया जाता है। ऑडियोलॉजिस्ट मानते हैं कि यह सर्जरी पूरी तरह से सुरक्षित है। यह एक प्रोस्थेस्टिक उपकरण है, जिसकी सर्जरी द्वारा भीतरी कर्ण के कॉकलिआ में रोपण किया जाता है। जिन बच्चों को दोनों कानो में तीव्र से लेकर अति तीव्र श्रवण दोष है तथा जिनको निम्न गति (स्लोपिंग) श्रवण दोष है और श्रवण यंत्र से कोई लाभ नहीं होता है, परंतु जिनकी श्रवण नसें सही रूप से कार्यरत है, उन्हें कॉक्लिअर इम्प्लांट का लाभ मिलता है। ऐसे बच्चे श्रवण दिव्यांग की श्रेणी में आते हैं।