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दालचीनी के उपभोग से prostate cancer को रोकना संभव

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। लोकमान्यता और विभिन्न शोध से साबित हो चुका है कि कई बीमारियों का इलाज घरेलू औषधियों और रसोई में मौजूद मसालों से संभव है क्योंकि इसमें प्राकृतिक गुण होते हैं। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और इंफ्लामेशन, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं को काबू करने में सहायक हो सकते हैं। दालचीनी ऐसी ही एक अति प्रभावी औषधि मानी जाती है जिसका वर्षों से मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। सर्दी-जुकाम या इम्यून सिस्टम को मजबूत करना, इसके लिए भी दालचीनी का सेवन किया जाता रहा है।

वैज्ञानिकों का दावा

लेकिन यह पुरुषों में सबसे कॉमन प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करने में लाभकारी हो सकता है। नवीनतम स्टडी में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दालचीनी में मौजूद कई एक्टिव कंपाउंड्स प्रोस्टेट कैंसर को रोक सकते हैं। गौरतलब है लाइफस्टाइल में गड़बड़ी के कारण पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। फेफड़ों के कैंसर के बाद प्रोस्टेट कैंसर अमेरिकी पुरुषों में कैंसर से होने वाली मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। 41 में से लगभग एक व्यक्ति की मौत प्रोस्टेट कैंसर के कारण हो जाती है।

कम होगा प्रोस्टेट कैंसर का खतरा

हैदराबाद स्थित ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (NIN) द्वारा किए गए शोध में दालचीनी को प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के लिए कारगर पाया गया है। चूहों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि जिन चूहों ने मौखिक रूप से दालचीनी का सेवन किया, उनमें इसके एक्टिव कंपाउंड्स सिनामाल्डिहाइड और प्रोसायनिडिन बी2 के कारण प्रारंभिक चरण के प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम कम हो गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि इंसानों में भी इसके सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।

चूहों पर प्रयोग में मिले संकेत

इंटरनेशनल पीर रिव्यूड जर्नल ‘कैंसर प्रिवेंशन रिसर्च’ में प्रकाशित अध्ययन में नर चूहों में दालचीनी की कीमोप्रिवेंटिव प्रभावकारिता का आकलन किया गया है। अध्ययन के दौरान चूहों को आहार के माध्यम से दालचीनी या इसके बायोएक्टिव यौगिक दिए गए। 16 सप्ताह तक यह प्रक्रिया चलती रही। इस दौरान पाया गया कि दालचीनी या इसके सक्रिय यौगिकों को खिलाने से 60-70 प्रतिशत चूहों में प्रोस्टेट विकारों का जोखिम काफी कम हो गया।

दालचीनी के कई स्वास्थ्य लाभ

ICMR-NIN के निदेशक हेमलता आर कहते हैं कि भारतीय मसालों को लेकर पहले के अध्ययनों में भी कई प्रकार के फायदों का जिक्र मिलता है। दालचीनी के कुछ घटक कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोक सकते हैं। दालचीनी की एंटी इंफ्लामेटरी गुण सेलुलर स्ट्रेस और क्षति को कम करने में भी भूमिका निभाती हैं, जो कैंसर के विकास से जुड़े कारक हैं। पहले के अध्ययनों में दालचीनी को टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करने और शरीर से इंफ्लामेशन को कम करने में भी लाभकारी पाया गया था।

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