नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। 6 दिनों से दिल्ली एम्स का सर्वर हैक चल रहा था। इससे अस्पताल की सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। इस बीच खबर आ रही है कि हैकर्स ने 200 करोड़ की मांग रख दी है। वह भी क्रिप्टोकरेंसी में। अस्पताल का
सर्वर 23 नवंबर से ही ठप है। अभी सभी सेवाओं को मैनुअल तौर पर चलाया जा रहा है।
5 दिन बाद ठीक होने की उम्मीद
सूत्रों के मुताबिक हैकर्स को पेमेंट के बारे में कुछ स्पष्ट पता नहीं चला है लेकिन नेटवर्क की पूरी तरह से सफाई करने में 5 दिन और लगने की संभावना है। इसके बाद ई-हॉस्पिटल सेवाएं शुरू की जा सकती हैं। ओपीडी, इमरजेंसी, इन पेशेंट लेबोरेटरी आदि सेवाओं का काम अभी मैनुअल मोड सेचल रहा है।
23 की सुबह से ही काम ठप
बता दें कि 23 की सुबह कंप्यूटर सेंटर से मरीजों की रिपोर्ट नहीं मिलने की शिकायत मिली। इसके बाद बिलिंग सेंटर और डिपार्टमेंट से भी कुछ इसी तरह के मामले आये। जब जांच हुई तो पता चला कि मेन सर्वर पर सारी फाइलें नहीं खुल रही हैं। बैकअप सिस्टम के जरिए फाइलों को लाने की कोशिश की तो पता चला कि इसमें भी सेंध लग चुकी है। फिर आगे जांच हुई तो पता चला कि फाइलों को क्लाउड में जिस एक्सटेंशन यानी ई पते पर रखा जाता है, उसे भी बदल दिया गया है। इससे ही साइबर हमले की बात पुख्ता हो गई।