नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। इंडिया @2047 योजना का एक अंग है वॉटर विजन @2047 जिस पर भोपाल में 5 और 6 जनवरी को मंथन होने वाला है। इसमें वॉटर विजन @2047 को केंद्र में रखते हुये पांच विषयगत सत्र रखे गये हैं। सभी राज्यों के जल संसाधन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) और सिंचाई विभागों के वरिष्ठ सचिव भी कृषि उत्पादन आयुक्तों के साथ इसमें हिस्सा लेंगे।
ये होंगे सत्र के विषय
इसमें जिन बिंदुओं पर मंथन होगा वे इस प्रकार होंगे-
1. जल की कमी, जल की अधिकता और पहाड़ी इलाकों में जल सुरक्षा
2. बेकार चले जाने वाले पानी, गदले पानी को दोबारा इस्तेमाल करने सहित जल उपयोगिता दक्षता
3. जल प्रशासन
4. जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में सक्षम जल अधोरचना, और
5. जल गुणवत्ता।
जल सेक्टर की भूमिका अहम
भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के सम्बंध में प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप केंद्र सरकार कार्य-योजना और भारत परिकल्पना प्रलेख @2047 को तैयार करने के लिये चर्चा कर रही है। भारत @2047 के अंग के रूप में जल सुरक्षा की चुनौतियों के समाधान के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने ‘5 P’ का मंत्र दिया था, जिसमें पॉलिटिकल विल (राजनीतिक इच्छा शक्ति), पब्लिक फाइनेंसिंग (लोक वित्त), पार्टनरशिप (साझेदारी), पब्लिक पार्टीसिपेशन (जन भागीदारी) और परसुयेशन फॉर सस्टेनेबिलिटी (निरंतरता के लिये प्रेरणा) शामिल है। आने वाले वर्षों में ऊंचाइयां हासिल करने के भारत के प्रयासों में भारत का जल सेक्टर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
राज्यों से ली जायेगी राय
कार्य-योजना को आगे बढ़ाने के लिये जल शक्ति मंत्रालय जल पर राज्यमंत्रियों के पहले अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इस दो दिवसीय सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य है राज्यों से इंडिया @2047 और 5पी के लिये विचार प्राप्त करना क्योंकि जल राज्य का विषय है। इसके साथ ही राज्यों के साथ संलग्नता व साझेदारी में सुधार करना तथा जल शक्ति मंत्रालय की पहलों व योजनाओं को राज्यों के साथ साझा करना भी उक्त कार्यक्रम का लक्ष्य है। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावट और जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल भी उपस्थित रहेंगे।