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दृष्टिबाधितों को सशक्त कर रहा है ‘दिव्य नयन’

नई दिल्ली। दिव्यांगों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्नत प्रौद्योगिकी से लैस उपकरणों का विकास इन प्रयासों में प्रमुखता से शामिल है। इसी तरह की एक पहल के अंतर्गत वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा पर्सनल रीडिंग मशीन ‘दिव्य नयन’ विकसित की गई है जिसकी मदद से किसी भी मुद्रित अथवा डिजिटल दस्तावेज को स्पीच आउटपुट के रूप में प्राप्त किया जा सकता है। ‘दिव्य नयन’ की सहायता से दृष्टिबाधित अथवा निरक्षर लोग मुद्रित एवं डिजिटल दस्तावेज को वॉयस आउटपुट के रूप में सुन सकते हैं।

सौ दिव्य नयन का निर्माण

सीएसआईआर की चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित यह यंत्र जरूरतमंदों के उपयोग के लिए उपलब्ध करा दिया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा राज्यसभा में यह जानकारी दी है। डॉ. सिंह ने बताया कि विनिर्माण एवं विपणन के लिए औद्योगिक भागीदार सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL), साहिबाबाद को इस यंत्र की प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की गई है। सीईएल द्वारा पहले 100 ‘दिव्य नयन’ यंत्रों का विनिर्माण एवं आपूर्ति सीएसआईआर-सीएसआईओ के लिए की गई है। ‘दिव्य नयन’ का बिक्री मूल्य लगभग 24 हजार रुपये है।

पाठ को सुना जा सकेगा

कॉन्टैक्ट स्कैनिंग के आधार पर यह मशीन एक से अधिक कॉलम वाले दस्तावेजों का विश्लेषण कर सकती है और इससे बिना किसी रुकावट आसानी से पुस्तक अथवा किसी अन्य मुद्रित दस्तावेज को वॉयस के रूप में सुना जा सकता है। जिस दस्तावेज को पढ़ा जाना है, उसके ऊपर इस यंत्र को रखकर मैनुअली उस दस्तावेज को स्कैन किया जा सकता है। यह पठन यंत्र (Reading device), इमेज को टेक्स्ट में परिवर्तित करने लिए भाषा आधारित ऑप्टिकल कैरेक्टर रेकग्निशन तकनीक का उपयोग करता है। इस प्रकार टेक्स्ट से स्पीच कन्वर्टर टेक्स्ट को ऑडियो में परिवर्तित करता है। ऑडियो फाइलों को इस मशीन में स्टोर किया जा सकता है और दोबारा सुना जा सकता है। यह यंत्र उपयोग में सरल है और इसे हाथ में आसानी से पकड़ा जा सकता है। यह एक स्टैंड-अलोन पोर्टेबल यंत्र है जो पूर्णतः वायरलेस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) समर्थित है। ‘दिव्य नयन’ एक बहुभाषी यंत्र है जो वर्तमान में हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, तेलुगू, तमिल, कन्नड़ और पंजाबी में उपलब्ध है। इसके साथ ही, यह यंत्र अन्य भारतीय एवं विदेशी भाषाओं के लिए भी अनुकूल है। इसमें यूएसबी, ब्लूटुथ, वाईफाई, लैन, हेडफोन जैसे इंटरफेस शामिल हैं। रिजार्जेबल लीथियम आयन बैटरी से युक्त यह यंत्र 32 जीबी इंटरनल मेमोरी से लैस है।

कई और उपकरण विकसित

सीएसआईआर द्वारा आम लोगों के उपयोग के लिए विकसित अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों में मायोइलेक्ट्रिक हैंड, इलेक्ट्रिक घुटना और पावर्ड व्हीलचेयर के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल मॉड्यूल शामिल हैं। ऐसे व्यक्ति, जिनका कोहनी से नीचे बाजू कटा हुआ है, उनके लिए मायोइलेक्ट्रिक हैंड उपयोगी है। इसी तरह घुटने से नीचे अपनी टाँग गंवा चुके लोगों के लिए इलेक्ट्रॉनिक घुटना उपयोगी हो सकता है।

इंडिया सायंस वायर से साभार

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