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चार साल के कम उम्र के बच्चों को न दें ऐसे कफ सिरप

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। पिछले साल गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में हुईं कफ सिरप से जुड़ी कम से कम 141 बच्चों की मौतों के मद्देनज़र भारत में दवा नियामक ने चार साल से कम उम्र के बच्चों को दिए जाने वाले ड्रग कॉम्बिनेशन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। अब दवा निर्माताओं को अपने उत्पादों पर चेतावनी के साथ चेतावनी का लेबल लगाना होगा। फिक्स्ड ड्रग कॉम्बिनेशन में क्लोफ़ेनिरामिन मैलिएट और फ़िनाइलेफ़्रिन शामिल है। WHO भी पांच साल से कम उम्र के बच्चों में खांसी और सर्दी के लिए ओवर द काउंटर कफ़ सिरप या दवाओं के इस्तेमाल की सिफ़ारिश नहीं करता है।

डाइजीन जेल असुरक्षित

इससे पहले पॉपुलर एंटासिड सिरप डाइजीन जेल पर भी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने एडवाइजरी जारी कर इसका इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी थी। डॉक्टरों से भी कहा था कि वे मरीजों को इसका सुझाव न दें। उसने इस जेल के असुरक्षित होने की बात कही थी। निर्माता कंपनी अबॉट इंडिया को भी यह जेल बाजार से रिकॉल करने का निर्देश दिया था।

छोड़ दीजिए नाक में उंगली करना

नाक मे उंगली डालने की आदत आम तौर पर होती है लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है। जर्नल साइंटिफिग रिपोर्ट में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक इस आदत से मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंच सकता है। इससे डिमेंशिया और अल्जाइमर का खतरा बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं ने ऐसी आदत को चूहों पर आजमाया था, जिसके बाद उनमें दिमाग से जुड़ी इन बीमारियों को बढ़ते हुए देखा गया। आगे चलकर इंसानों पर भी यह स्टडी की जा सकती है।

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