नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। एक नए अध्ययन से पता चला है कि बढ़ते तापमान, और प्रदूषण के साथ कुत्तों में गुस्सा बढ़ता जाएगा और उनके हमले की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं का दावा है कि बढ़ते तापमान, गर्मी, अल्ट्रावायोलेट और ओजोन प्रदूषण के साथ डॉग बाइट की यह घटनाएं कहीं ज्यादा बढ़ सकती हैं। जबकि बरसात के दिनों में कुत्तों के हमले की घटनाओं में कमी देखी गई है।
शोध से हुआ खुलासा
शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि गर्म और धूल-धुंए से भरे दिन में कुत्ते इंसानों पर ज्यादा हमला करेंगें। खासकर जब प्रदूषण ज्यादा हो तो उनके हमले की सम्भावना भी बढ़ जाती है। इसी तरह बढ़ता तापमान भी कुत्तों को कहीं ज्यादा आक्रामक बना रहा है। रिसर्च के मुताबिक आने वाले समय में कुत्तों का गुस्सा कम नहीं होगा, बल्कि समय के साथ वो और हिंसक होते जाएंगे। कुत्तों के व्यवहार में आता यह बदलाव इंसानों के समान ही है। पहले किए अध्ययनों में भी यह साबित हो चुका है कि तापमान और वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होने पर मनुष्य अधिक हिंसक अपराध करते हैं। यह प्रवत्ति बंदर, चूहों जैसे जीवों में भी देखी गई है।
गुस्से पर जलवायु का असर
जर्नल एनवायर्नमेंटल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक बढ़ता तापमान हिंसक घटनाओं में वृद्धि की वजह बन सकता है। कई अन्य अध्ययनों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि बढ़ते तापमान की वजह से अपराध ज्यादा होते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक लोग जिस जलवायु में रहते हैं वो उनके गुस्से को उकसाता या कम करता है। जहां गर्म इलाकों में अपराध ज्यादा होते हैं वहीं ठंडे प्रदेशों में अपराध की दर कम होती है।