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कोविड-19 से बड़ा है इसका भय

वरिष्ठ पत्रकार एवं सभ्यता अध्ययन केन्द्र के निदेशक हैं रवि शंकर। कोविड-19 से जुड़े तमाम पक्षों को समेटते हुए उन्होंने चार आलेख लिखा है। पहला लेख प्रस्तुत है…

नई दिल्ली/एसबीएम

कोविड-19 के कारण देश में लॉकडाउन चल रहा है। पूरे देश को एक प्रकार से नजरबंद किया गया है। इसे नाम दिया गया है सोशल डिस्टेंसिंग। यह सामाजिक बंदी विश्व में फैले एक नए रोग कोरोना के भय से की गई है। कोरोना कोई नया रोग नहीं है। कोरोना के दो वर्जन सार्स और मर्स पहले ही आ चुके हैं। इसलिए इसका वास्तविक नाम है कोविड-19 । कोविड-19 वायरस का नाम है, रोग का नहीं। इससे होने वाले रोग को कोरोना कहा जा रहा है। प्रश्न उठता है कि रोग तो हजारों हैं और और कैंसर और एड्स जैसे लाइलाज रोग भी ढेर सारे हैं, फिर इससे इतना भय क्यों फैला है? आखिर कोविड-19 का इतना आतंक क्यों है? चरक, वाग्भट्ट, सुश्रुत जैसे प्राणाचार्य का देश इतना अधिक भयभीत क्यों है? आखिर क्या कारण है कि पहले आठ, फिर 21 और अब पुनः 18 दिनों का लॉकडाउन करना पड़ रहा है?

दूसरा आलेखःः तो क्या सच में लाइलाज है कोविड-19

 
इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है कि यह रोग बहुत ही तेजी से फैलता है। चीन, अमेरिका, इटली, फ्रांस जैसे देशों में इसका प्रसार काफी तेजी से हुआ है और वहाँ इससे मरने वालों की संख्या काफी बड़ी है। स्वाभाविक ही है कि जब चीन, अमेरिका, इटली और फ्रांस जैसे विकसित और अत्याधुनिक चिकित्सा व्यवस्था से युक्त देश इसका समाधान नहीं कर पा रहे हैं तो भारत जैसे विकासशील देश को तो डरना ही चाहिए।

तीसरा आलेखःकोविड-19 के प्रभाव-प्रसार का भौगिलिक संबंध

यदि हम वर्ल्ड हैल्थ ऑरगेनाइजेशन की बात मानें तो स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में विश्व में फ्रांस और इटली प्रथम और द्वितीय स्थान पर हैं। स्पेन 7 वें जापान 10 वें और अमेरिका 37 वें स्थान पर है। इनकी तुलना में भारत तो 112 वें स्थान पर है। ऐसे में यदि इतनी उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं वाले देश यदि कोरोना के कारण विनाश को प्राप्त हो रहे हैं तो भारत जैसे कमजोर स्वास्थ्य सेवाओं वाला देश कोरोना से कैसे बच पाएगा? कोरोना कितनी तेजी से फैलता है, इसके अनेक ग्राफ और आंकड़े उपलब्ध हैं।

चौथा आलेखः आयुर्वेद ही है कोविड-19 का समाधान

तो क्या भारत के सामने और कोई चारा शेष नहीं बचा है, सिवाय इसके कि पूरा देश घरों में बंद हो जाए? देखा जाए तो आज जो भयावह स्थिति दिखती है, वह रोग के कारण कम और रोग के बारे में फैलाए गए दो मिथकों के कारण अधिक है। इसलिए सबसे पहले तो हम उन दो मिथकों पर विचार करेंगे जो इस कोविड-19 नामक रोग के बारे में फैलाए गए हैं।
 

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