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सोशल डिस्टेंसिंग रामबाण साबित होगा

देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना पर स्थिति सामान्य है। कल वे डीडी न्यूज पर कोविड 19 की मौजूदा स्थिति पर चर्चा कर रहे थे। डीडी न्यूज पर कही  बातों को उन्होंने सार रूप में अपने फेसबुक वाल पर साझा किया है…उसे हम अपने पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं…संपादक

 

डॉ. हर्षवर्धन, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री, भारत सरकार

 
आज डीडी न्यूज़लाइव टी वी चैनल पर दिए इंटरव्यू में मैंने देश में कोविड की वर्तमान स्थिति, भारत द्वारा उठाए जा रहे कदमों और लॉकडाउन की जरूरत जैसे विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे। मैंने कहा कि कोविड से प्रभावित दुनिया के तमाम देशों के मुकाबले भारत बेहतर स्थिति में है। मैंने कहा कि जनवरी 2020 के अंत में भारत में कोविड19 का पहला केस आया था, और अब अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक भी 4400 के करीब कुल मामले आ पाए हैं। जबकि अत्याधुनिक समझे जाने वाले अमरीका, इटली, कोरिया, जापान, ब्रिटेन, स्पेन आदि देशों में कोरोना से हाल-बेहाल है।
मैंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का आह्वान भारत के लिए रामबाण साबित होगा।जब ज्यादातर देश कोरोना की दवा और वैक्सीन पर अनुसंधान की दिशा में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। मेरा मानना है कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के सभी दिशा-निर्देशों पर सख्ती के साथ अमल किया जाए तो यही सबसे बड़ी ‘सोशल वैक्सीन‘ है। जब दवा बनेगी या टीका बनेगा तो वह व्यक्तिगत रूप से ही काम करेंगे लेकिन इस संकट की घड़ी में जब समय कम है तब बहुत ही सरल विधि अपनाकर यानि सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर ही इस महामारी पर विजय पाई जा सकती है।
मेरा मानना है कि जब 80 प्रतिशत लोग बिना दवाई के ही ठीक हो रहे हैं। 15 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है और केवल 5 प्रतिशत लोगों को ही वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है। जिन लोगों को पहले ही कोई बीमारी है और उनकी उम्र भी ज्यादा है, केवल ऐसे लोगों को ही विशेष सावधानी बरतनी है।
मैंने कहा कि देश में अभी तक कोरोना के एक लाख से ज्यादा टैस्ट हो चुके हैं। अभी 136 सरकारी लैब काम कर रही हैं और 59 निजी लैब को मंजूरी दी गई है। ये टैस्ट कराने के लिए भी कुछ मानक तैयार किए गए हैं। सभी का टैस्ट कराना भी जरूरी नहीं है। हांलाकि, आई सी एम आर की अब बड़े पैमाने पर एंटीबॉडी आधारित टैस्ट शुरू कराने की योजना है।
फेक न्यूज के बारे में मैंने कहा कि केवल स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट ही प्रामाणिक है, किसी और साइट पर भरोसा नहीं करना चाहिए। मैंने इस बात पर दु:ख जताया कि कुछ लोग कोविड को लेकर तरह-तरह की अफ़वाहें और गलत ख़बरें फैलाकर इस बीमारी के खिलाफ़ भारत की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने कहा कि इस लड़ाई में सोशल मीडिया का दुरूपयोग न हो। मैंने कहा कि डॉक्टर्स सहित सभी स्वास्थ्यकर्मियों को मास्क लगाने की जरूरत है। इसके अलावा किसी को जुकाम,बुखार है तो उसे मास्क लगाना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति को मुंह पर रूमाल लगाने से भी उसकी प्रोटेक्शन हो सकती है।
लॉकडाउन बढ़ाने के प्रश्न पर मैंने कहा कि इस विषय पर सभी राज्यों की अंतिम रिपोर्ट के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। तबलिगी जमात की घटना पर मैंने कहा कि वास्तव में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इस घटना को अंजाम देने वालों का ये एक गैर जिम्मेदारना रवैया है। इससे करीब 20 राज्य़ प्रभावित हुए हैं। मैंने कहा कि आज विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आज विश्व स्वास्थ्य दिवस को कोविड के खिलाफ अपने काम पर पूरी मुस्तैदी से जुटी नर्सेज और मिडवाइव्ज को समर्पित करना वास्तव में एक सराहनीय कदम है।
मैंने कहा कि आई सी एम आर कोरोना के क्लस्टर वाले और हॉटस्पॉट पर विशेष रणनीति अपना रहा है। कोरोना से लड़ने के लिए जिला स्तर पर भी अलग रणनीति बनाई गई है। मैंने कहा कि संक्रमण को नियंत्रण में लाने के लिए पूरे तंत्र को एकजुट होना होगा। जन सहयोग के पूरे समर्थन के साथ ही इस मिशन में हम सफल होंगे। मैंने कहा कि सिर्फ कुछ सामान्य़ बातें अपनाने से ही कोरोना से बचा जा सकता है। घर में रहें, बुजुर्ग, बीमार व बच्चों का विशेष ध्य़ान रखें। साबुन से बार-बार हाथ धोएं। लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग अपनाएं और घर में भी 1 मीटर की दूरी बनाए रखें।
 

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