जबलपुर/27.10.15
मध्य प्रदेश ड्रग लाइसेंस में बड़ा घोटाला हुआ है! दवा कारोबारियों से पैसे लेकर औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने रेवड़ी की तरह ड्रग लायसेंस बांटे हैं। उक्त बातें प्रांतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता विवेक मौर्य ने स्वस्थ भारत डॉट इन से कही ! विवेक मौर्य ने बताया कि प्रदेश में लगभग 45 हज़ार फार्मासिस्ट हैं जबकि खुदरा दवाई दुकानों की संख्या इससे कही ज्यादा है ! ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट और फार्मेसी एक्ट के अनुसार एक फार्मासिस्ट एक ही जगह कार्य कर सकता है जहाँ उसे दवा वितरण करना है ! पूरे प्रदेश की दवा दुकानों में गैर प्रशिक्षित लोग दवा बाँट रहे हैं इससे आम जन की जान को खतरा है ! आगे विवेक बताते है कि ज्यादातर दवा की दुकान में किराये पर लाइसेंस लिए गए है !
कार्रवाई को लिखा पत्र
प्रांतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने इस बावत मुख्य न्याधीश समेत सूबे के मुख्य मंत्री, चिकित्सा मंत्री, मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है ! संगठन ने मांग की है कि अवैध रूप से चलाये जा रहे मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई के साथ, औषधि नियंत्रण प्रशासन के अधिकारियों की सम्पति की जांच की जाए !
स्टेट काउंसिल में भी है फर्जीवाड़ा
स्टेट फार्मेसी काउंसिल में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है भोपाल गैस कांड में गुम हुई फाइलों का बहाना बनाकर कई व्यापारियों ने फ़र्ज़ी रजिस्ट्रेशन करा रखें है ! कई ऐसे भी मामले हैं जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर तो एक ही हैं पर नाम अलग अलग है ! ज्यादातर एक ही परिवार के सदस्य बताये गए है ! छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में बटवारे के बाद कई लोग अब भी मध्य प्रदेश में भी गैर क़ानूनी रूप से रजिस्टर्ड हैं
M R पर गाज़ गिरनी तय
एसोसिएशन के मुताबिक कई ऐसे फार्मासिस्ट है जो की मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव की नौकरी करते है और अपना फार्मेसी रजिस्ट्रेशन किराये पर दे रखा है एसोसिएशन ऐसे फार्मासिस्ट के आंकड़े जुटा रहा है ! आंकड़ों के प्राप्त होते ही दवा दुकानों के लाइसेंस के साथ ही फार्मसिस्ट के रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने हेतु कार्रवाई की जायेगी !
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