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महामारी बढ़ने के बीच कोरोना के अंत की घोषणा पर चर्चा भी

नयी दिल्ली। क्या अब कोरोना के खात्मा की घोषणा करने का वक्त आ गया है? भारत में भले यह कम लग रहा है और कोरोना प्रोटाकॉल में ढील दी जाने लगी है। लेकिन मरीज तो आ ही रहे हैं और मौतें भी हो रही हैं। दुनिया के अन्य हिस्सों में तबाही की वही रफ्तार है।

खात्मे की घोषणा पर विचार

पिछले दो साल से कोरोना महामारी का संकट पूरी दुनिया को त्रस्त करके रखा हुआ है। लेकिन आ रही खबरों के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस बात पर चर्चा शुरू कर दी है कि कोविड-19 महामारी को कैसे और कब खत्म घोषित किया जाए। वे सोचने लगे हैं कि दो साल से अधिक समय बाद जब इसे आधिकारिक तौर पर खत्म घोषित किया जाएगा तो उसका पूरी दुनिया पर क्या असर होगा? अभी हांगकांग में मृत्यु दर बढ़ी है और चीन में दो साल में पहली बार इस हफ्ते आये नए दैनिक मामले चिन्ताजनक हैं। इसलिए चर्चा इस बात पर हो रही है कि कौन से ऐसे संकेत होंगे जो सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के अंत का संकेत देंगे। संगठन का मानना है कि इस तरह की घोषणा केवल एक प्रतीकात्मक संकेत से ज्यादा महत्व की होगी।

मानदंडों पर विचार

कोविड-19 पर अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम आपातकालीन समिति महामारी को खत्म घोषित करने के लिए जरूरी मानदंडों की जांच कर रही है। कई देशों ने पहले से ही कोविड प्रोटोकॉल के कड़े नियमों में ढील देनी शुरू कर दी है। फिर भी कई एशियाई देश में संक्रमण के बढ़ने की रिपोर्ट आ रही है। जर्मनी में हाल ही में कोरोना के मामले रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच गए हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार पिछले एक सप्ताह में दुनिया में एक करोड़ से अधिक कोविड मामले सामने आए और 52 हजार मौतें हुई हैं।

नई चेतावनी भी

शोधकर्ताओं ने यह भी चेतावनी दी है कि भले ही कोविड मामलों में गिरावट आई हो, फिर भी मलेरिया और टीबी जैसी अन्य बीमारियों की तरह ही इससे भी हर साल हजारों लोगों की मौत होने की आशंका है। साथ ही इसके नए और ज्यादा खतरनाक वैरिएंट्स के पनपने की आशंका भी खत्म नहीं हुई है। ऐसे फैसले विशेषज्ञों की सलाह के बाद महानिदेशक ही करेंगे।

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