नई दिल्ली : सरकारी अस्पताल सरकारी धन महंगी मशीनों को खरीदने में कर रहे हैं, लेकिन इन मशीनों का इस्तेमाल मरीज़ों के हित में नहीं किया जा रहा है.
वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 15.92 करोड़ के चिकित्सीय उपकरण खरीदे गए, जबकि इसमें 2.40 करोड़ रुपये की क़ीमत के दो उपकरणों को 2015 तक प्रयोग ही नहीं किया गया.
कैग की वार्षिक रिपोर्ट में केन्द्र सरकार के अधीन काम करने वाले दिल्ली के दो प्रमुख अस्पताल आरएमएल और सफ़दरजंग में सरकारी धन के दुरूपयोग की बात सामने आई है.
रिपोर्ट के मुताबिक़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आपातकालीन देखभाल और बिल्डिंग निर्माण के लिए निजी फर्म को 24 उपकरण की आपूर्ति का टेंडर दिया गया.
इन चिकित्सीय उपकरण की खरीद का काम कॉमनवेल्थ खेल के दौरान किया जाना था, जबकि निर्धारित समय में उपकरणों की आपूर्ति नहीं की जा सकी.
फर्म द्वारा निर्धारित समय में केवल 22 मदों की आपूर्ति की गई, जबकि बाद में दो उपकरण 36 महीने की अवधि तक प्रयोग में नहीं लाए जा सके. दोनों उपकरणों की वारंटी अवधि इस्तेमाल करने से पहले ही समाप्त हो गई.
बताते चलें कि यह रिपोर्ट यह भी बताती है कि अस्पताल प्रशासन सम्पत्ति कर के लिए दिल्ली नगर निगम को 4.60 करोड़ रुपये का अधिक भुगतान करना पड़ा.
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