नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (nmcg) ने दो सत्रों में गंगा उत्सव नदी महोत्सव 2022 का आयोजन किया। nmcg 2017 से हर साल 4 नवंबर को गंगा उत्सव मना रहा है। 2008 में इसी दिन गंगा नदी को भारत की राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था।
अगस्त 23 तक होंगे आयोजन
उत्सव आजादी का अमृत महोत्सव को समर्पित है। अगस्त 2023 तक गंगा और इसकी सहायक नदी के बेसिन वाले शहरों और कस्बों में 75 अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। हरिद्वार, मथुरा, दिल्ली, कानपुर, वाराणसी, पटना, भागलपुर, कोलकाता आदि 15 प्रमुख नगरों में 3-दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 60 छोटे शहरों व कस्बों में 1 दिन का कार्यक्रम होगा। अर्थ गंगा के तहत घाट में हाट, घाट पर योग, गंगा आरती आदि गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
नदियां जीवन का आधार
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा-नदियों के बिना सभ्यता का विस्तार संभव नहीं है, ये जीवन का आधार हैं। गंगा हमारी राष्ट्रीय नदी ही नहीं हमारी सांस्कृतिक विरासत भी है। मोक्षदायिनी गंगा सिर्फ एक नदी नहीं बल्कि भारत में युगों से बहने वाले धर्म, दर्शन, संस्कृति, सभ्यता का आधार है। इसकी पवित्र धारा ने भारत भूमि के हर पहलू को आत्मसात कर लिया है। यह न केवल जल देती है, बल्कि अन्न और रोजगार के अवसर भी देती है।