केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा
महिमा सिंह
नयी दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन और Remedesivir जैसी जीवन रक्षक दवाओं की मांग बेतहाषा बढ़ गयी थी। 2021 साल में इस लहर ने ज्यादा तबाही मचायी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में यह बात स्वीकार की है।
जरूरी दवायें उपलब्ध करायी गयी
मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट कहती है कि दूसरी लहर के दौरान रोगियों के बेहतर इलाज के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से समन्वय किया गया था। मध्यम और गंभीर रोगियों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न हितधारकों से भी बातचीत हुई थी। अप्रैल 2021 से कोरोना के मामलों की रफ्तार बढ़ रही थी। इसके चलते सरकार ने आवश्यक मेडिकल ऑक्सीजन के साथ-साथ Remedesivir समेत जीवन रक्षक दवाओं की पर्याप्त और लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए।
बिना रुकावट हुई ऑक्सीजन की आपूर्ति
रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि मंत्रालय ने प्लांट से मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति और बिना रुकावट आवाजाही के लिए समन्वय किया। इसके अलावा औद्योगिक उद्देश्य के लिए मेडिकल ऑक्सीजन के उपयोग को प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए। रिपोर्ट में कहा गया कि गृह मंत्रालय ने स्वीकृत आवंटन योजना के अनुसार देशभर में मेडिकल ऑक्सीजन की आवाजाही की सुविधा प्रदान की। Remedesivir और अन्य जरूरी दवाइयों की आपूर्ति के लिए भारतीय वायुसेना के जरिए विदेश से उच्च क्षमता वाले टैंक लाए गए। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जिला कलेक्टरों को बंद पड़े ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट को फिर से शुरू करने की सलाह दी गई। इन प्रयासों से जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।
दिल्ली में खुला बड़ा अस्पताल
मंत्रालय ने बताया कि जून 2020 में दिल्ली में कोरोना के मामलों में अचानक तेजी के बाद 1000 बिस्तरों वाला अस्थायी अस्पताल तैयार किया गया। इसके अगले साल अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पताल को फिर शुरू किया गया था। इसके अलावा बिहार के पटना और मुजफ्फरपुर में 500 बेड का अस्पताल और नौ राज्यों में 16 RTPCR Lab स्थापित करने में मदद की।