नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। देश में एक सजग हेल्थ सिस्टम बनाने के लिए नीति नियंताओं के सार्थक चयन पर नागरिकों को फोकस करना चाहिए। आप देख ही रहे हैं कि अब तक लोग ऐसे प्रतिनिधि चुनते आ रहे हैं जो सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं। आम नगारिक तो उनकी नजर में कैटल क्लास का होता है।
स्वास्थ्य के लिए आप जिम्मेदार
प्रवासी लेखक तेजेंद्र शर्मा ने यह बात कही है। वे हाल ही दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में डॉ. जे. एल. मीना: पीएचसी से एनएमसी तक नामक पुस्तक के लोकार्पण समारोह को संबेाधित कर रहे थे। पुस्तक क्वालिटी हेल्थकेयर पर केंद्रित है और लेखक हैं हेल्थ एक्टिविस्ट आशुतोष कुमार सिंह। समारोह में इसका अंग्रेजी वर्जन भी लोकार्पित हुआ। उन्होंने कहा कि जब सरकार में बैठे लोग आपको कैटल क्लास का समझेंगे तो वैसा ही सिस्टम बनाकर रखेंगे। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए आप खुद जिम्मेदार हैं। इसके लिए कम से कम जीभ पर नियंत्रण रखना होगा।
फ्री की दुकान से कोई लाभ नहीं
श्री शर्मा ने कहा कि सरकार में काम कर रहे लोगों को पार्टी और स्वयं से ऊपर उठकर आमजन तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा कैसे पहुंचे, इस पर फोकस करना चाहिए। फ्री की दुकान खोलने से आम जन का वास्तव में फायदा नहीं होने वाला है। जिस तरह ब्रिटेन के मंत्री बिना किसी सुरक्षा गार्ड के आमजन की तरह मेट्रो में सफर करते हैं, वैसे हमारे मंत्रियो को भी करना चाहिए।
ब्रिटेन में बुज्रर्गाें को फ्री स्वास्थ्य सुविधा
इस क्रम में उन्होंने ब्रिटेन के हेल्थ सिस्टम की भी चर्चा की। उन्होंने वहां बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर बात करते कहा कि उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती। घर बैठे डॉक्टर से संपर्क कर सिर्फ अपनी स्वास्थ्य समस्या बतानी है। डॉक्टर पर्ची लिखकर फार्मासिस्ट तक भेज देते हैं और वहां से कोई प्रतिनिधि घर दवा पहुंचा देता है। न दवा का पैसा देना पड़ता है न डॉक्टर की फी। बुजुर्गाें के लिए स्वास्थ्य सेवा बिल्कुल मुफ्त है।