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औषध नवाचार और उद्यमिता पर सामान्य दिशा-निर्देश जारी

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। औषध विभाग भारतीय फार्मा क्षेत्र को गुणवत्तापूर्ण दवाओं के लिए वैश्विक नेता के रूप में बढ़ावा देना और देश में दवाओं व चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता, पहुंच तथा वहनीयता को सुनिश्चित करना चाहता है। इसके लिए उसने औषध नवाचार और उद्यमिता पर एक सामान्य दिशा-निर्देश जारी किया है।

देखरेख करेंगे सात नाइपर

देश में सात राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (नाईपर) हैं। इसनेे उद्योग और शोधकर्ताओं के लिए एक सामान्य (कॉमन) अनुसंधान पोर्टल लॉन्च किया है। विभाग ने नवाचार व अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और उद्यमिता को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय नवाचार और स्टार्टअप नीति 2019, राष्ट्रीय आईपीआर नीति 2016 और अन्य संस्थानों-विभागों की नीतियों पर विचार करने के बाद दिशा-निर्देश बनाया है। इसका उद्देश्य अकादमिक अनुसंधान को अभिनव व व्यावसायिक रूप से अनुकूल प्रौद्योगिकियों-उत्पादों में रूपांतरित करना, रचनात्मकता व उद्यमशीलता की गतिविधियों के पोषण के लिए मजबूत वातावरण का निर्माण और आत्मनिर्भर भारत मिशन में अपना योगदान करना है।

दिशा-निर्देशों का मकसद

इसके उद्येष्यों में उद्यमिता को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना, नीतियां बनाना और इकोसिस्टम को प्रोत्साहन देना, प्रौद्योगिकी विकास और तकनीक हस्तांतरण के लिए एक तंत्र स्थापित करना, इसके प्रभावी कार्यान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन के लिए संस्थागत ढांचा तैयार करना और सामाजिक रूप से प्रभावशाली प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए औषध नवाचार व उद्यमिता को बढ़ावा देना आदि शामिल है। रसायन और उर्वरक मंत्री ने इन नीति दिशानिर्देशों के अंतिम रूप को मंजूरी दे दी है। इनके प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर और अधिक कदम उठाने के लिए सभी नाईपर के पास इन्हें भेज दिया गया है।

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