किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने उनको कुछ छूट दिया है। पूरी रपट लेकर आईं हैं गायत्री सक्सेना
नई दिल्ली/ एसबीएम
कोविड-19 से सभी परेशान हैं। इनमें किसानों की स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब है। उनकी नगदी फसल अगर बरबाद हो गई तो भूखमरी के शिकार हो सकते हैं। इन्हीं बातों का ध्यान रखा है दिल्ली सरकार ने।
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किसानों को राहत देते हुए पिछले 20 अप्रैल को दिल्ली सरकार ने किसानों और व्यापारियों के हितों का ध्यान रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर घंटा अब चौबिसों घंटे खोला जाऐगा। इस बावत आजादपुर मंडी के चेयरमैन आदिल अहमद खान का कहना है कि, किसान अपनी आर्थिक हवाला देते हुए मांग कर रहे थे कि उन्हें व्यापार करने की अनुमति दिया जाए।
सुरक्षा के किए गए पूरे इंतजाम
- जहाँ दिल्ली सरकार ने किसानों के हित में आजादपुर मंडी को चौबीस घंटों के लिए खोलने का फैसला किया है। वहीं सुरक्षा के इंतजाम भी कड़े किए गए हैं। इन बिन्दुओं का रखा जा रहा है विशेष ध्यान।
- मंडी में व्यापार के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी व्यवस्था बनाई गयी है। लोगों को सैनिटाइज किया जाऐगा। हर तीन घंटे के बाद व्यापारियों को एक-एक हजार टोकन बांटे जाएंगे।
- मंडी में सीसीटीवी कैमरे लगाऐं जा रहे हैं। साथ ही 50 पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम भी लगाया जा रहा है। विडियों ग्राफी के द्वारा लोगों की निगरानी रखी जाएगी। एनाउंसमेंट के जरिए उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग बनाऐं रखने के लिए सर्तक रखा जा सके।
- मंडी की व्यवस्था और सुरक्षा के लिए 600 सिविल डिफेंस के सहयोगी और प्रत्येक नगर निगम से 200 कर्मचारियों यानि कुल 600 सफाई कर्मचारियों की मांग की गई है।
- मंडी के 2800 व्यापारियों के लाइसेंस को दोबारा चालू किया जाऐगा।
इस प्रकार की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ दिल्ली सरकार किसानों की अर्थिक समस्या का समाधान कर रही है। दिल्ली सरकार के इस फैसले ने किसानों के दिल में एक आशा की किरण जगा दी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि दिल्ली सरकार के इस फैसले से दिल्ली के किसान-व्यापारियों को राहत मिलेगी। इन सबके बीच में यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ठीक से किया जाए।