नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी मानती हैं कि देश में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। यह बात उन्होंने पिछले सप्ताह लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कही।
बंगाल- महाराष्ट्र में सर्वाधिक मरीज
उन्होंने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (ICMR-NCRP) के आंकड़ों का हवाला दिया, जिसमें पिछले तीन वर्षों में 2020 से 2022 तक देश में कैंसर के मामलों की घटनाओं और मृत्यु दर का अनुमान लगाया गया है। इसके अनुसार 2020 से 2022 के बीच तकरीबन 70 हजार कैंसर मरीज मिले जबकि इसी समयावधि में 40 हजार कैंसर मरीजों की मौत हो गई। राज्यवार जो सूची मंत्री के उत्तर में थी, उसके अनुसार 20 से 22 के बीच सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में 121717 मिले तो उससे कम बंगाल में 113581। दिल्ली में 26735 और बिहार में 109274 मरीज मिले।
तीन सामान्य कैंसर पर फोकस
डॉ. पवार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत और व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के एक हिस्से के रूप में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और सामान्य कैंसर जैसी सामान्य NCD की रोकथाम, नियंत्रण और जांच के लिए पहल शुरू की गई है। इसके तहत 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को मौखिक, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लिए फोकस किया गया है। इनकी जांच आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में होती है।
कैसर मरीजों को आर्थिक सहायता भी
उन्होंने कहा कि उपचार लागत का एक हिस्सा चुकाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री के विवेकाधीन अनुदान (HMDG) के तहत सवा लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं और राष्ट्रीय आरोग्य निधि (RAN) की अम्ब्रेला योजना के तहत प्रदान की जाने वाली अधिकतम 15 लाख की वित्तीय सहायता दी जाती है।