नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। WHO के ताजा आंकड़ों में चेतावनी दी गयी है कि 2050 तक दुनिया भर में कैंसर के मामलों में 77 फीसद बढ़ोतरी होगी और इससे मौत के सालाना मामले 35 मिलियन तक पहुंच जाएंगे। उसकी कैंसर एजेंसी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने जीवनशैली, बिगड़ते पर्यावरण, तंबाकू, शराब, मोटापा और वायु प्रदूषण को प्रमुख कारक माना है। संगठन ने सर्वे नतीजों को प्रकाशित करते हुए कहा कि अधिकांश देश सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के हिस्से के रूप में कैंसर और इस रोग के कारण होने वाले दर्द से संबंधित देखभाल सेवाओं को पर्याप्त रूप से वित्तपोषित नहीं करते हैं।
अलकोहल का संबंध 7 प्रकार के कैंसर से
एजेंसी ने कहा है कि तंबाकू से हुए कैंसर से हर साल आठ मिलियन से अधिक मौतें होती है। शराब सात प्रकार के कैंसर से जुड़ा हुआ है जिससे सालाना 7 लाख 40 हजार नए मामले सामने आते हैं। हेपेटाइटिस और HIV जैसे वायरस कम और मध्यम आय वाले देशों में 25 फीसद कैंसर मामलों में योगदान करते हैं। ई-क्लीनिकल मेडिसीन में प्रकाशित एक स्टडी से पता चलता है कि 2020 में भारत में लगभग 2.25 लाख लोगों की मौत रोके जा सकने वाले रिस्क फैक्टर के कारण हुई।
185 देशों में हुआ था सर्वे
अनुमानों के अनुसार, पुरुषों में होंठ, मुंह और फेफड़े का कैंसर सबसे आम था, जो नये मामलों का क्रमश: 15.6 प्रतिशत और 8.5 प्रतिशत है वहीं, महिलाओं में स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर सबसे आम थे। नये मामलों में इनकी हिस्सेदारी क्रमश: 27 और 18 प्रतिशत थी। अनुमान से पता चला है कि 2022 में वैश्विक स्तर पर लगभग दो-तिहाई नये मामलों और मौतों में 10 प्रकार के कैंसर शामिल थे। उनके डेटा में 185 देश और 36 तरह के कैंसर शामिल हैं।