नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र लगभग 14 बिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है और 2030 तक 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। हाल यह है कि जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत एशिया में चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा उपकरण बाजार है और शीर्ष 20 वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजारों में शामिल है।
भारत एक उभरता क्षेत्र
वे दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के 21वें स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। श्रीमती पटेल ने भारत की मेडटेक क्रांति की रूपरेखा: 2047 तक मेडटेक विस्तार का रोडमैप विषय पर पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में चिकित्सा उपकरण उद्योग उभरता क्षेत्र है। बढ़ती स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं, तकनीकी नवाचारों, सरकारी सहायता और उभरते बाजार अवसरों से इसकी अपार विकास क्षमता बनी है।
मेडटेक उद्योाग के लिए कई कदम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस उद्योग को सहयोग देने के कई कदम उठाए हैं। इनमें चिकित्सा उपकरणों के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (EPCMD) गठित करना और राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्धन परिषद (NMDPC) का पुनर्गठन शामिल है। उन्होंने 400 करोड़ की लागत से चिकित्सा उपकरण पार्कों को बढ़ावा देने की योजना आरंभ किए जाने की जानकारी दी जिसमें बुनियादी ढांचे विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को 100-100 करोड़ दिए गए हैं। इसके अलावा फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना (PRIP) और 500 करोड़ की सहायता से चिकित्सा उपकरण उद्योग को मजबूत करने की योजना और अन्य उचित कदम उठाए गय हैं।
दिग्गजों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव, सीआईआई नेशनल हेल्थकेयर काउंसिल के अध्यक्ष और मेदांता-द मेडिसिटी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. नरेश त्रेहान; सीआईआई के सह-अध्यक्ष और मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक दिलीप जोस; अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप की प्रबंध निदेशक सुश्री सुनीता रेड्डी और सीआईआई की उप महानिदेशक सुश्री अमीता सरकार भी उपस्थित थीं।