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निर्देश : Bournvita को ‘हेल्थ ड्रिंक’ कैटेगरी से हटायें

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। पतंजलि और सुप्रीम कोर्ट में विवाद के बीच वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों से अपने प्लेटफॉर्म और वेबसाइट से बॉर्नविटा एवं इस जैसी दूसरी ड्रिंक को हेल्थ ड्रिंक की कैटेगरी से हटाने का आदेश दिया है। मंत्रालय ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की जांच रिपोर्ट को आधार बनाया है जिसके मुताबिक फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Fssai) और बॉर्नविटा बनाने वाली कंपनी ने जो मानक तय किए थे, उसके हिसाब से बॉर्नविटा ‘हेल्थ ड्रिंक’ की कैटेगरी में फिट नहीं बैठता है।

हेल्थ ड्रिंक पारिभाषित ही नहीं

एक रिपोर्ट के मुताबिक Fssai ने जांच में ये भी पाया कि डेयरी ड्रिंक, अनाज वाले ड्रिंक और फर्मेंटेड ड्रिंक (Malt Drink) को Proprietary food की कैटेगरी में लाइसेंस मिला है. लेकिन कंपनियां इन्हें एनर्जी या हेल्दी ड्रिंक बताकर बेच रही हैं। उधर Fssai ने बताया है कि हेल्थ ड्रिंक शब्द को अभी तक परिभाषित ही नहीं किया गया है। इसलिए सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को सलाह दी गई है कि वो अपनी वेबसाइटों पर ऐसी सभी ड्रिंक्स को हेल्थ ड्रिंक/एनर्जी ड्रिंक की कैटेगरी से हटाकर उचित कैटेगरी में डालकर सुधार करें।

बॉर्नविटा पर पहले भी लगे आरोप

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक Fssai को पहले भी बॉर्नविटा को लेकर शिकायत मिल चुकी है। इसमें आरोप लगाया गया था कि बॉर्नविटा खुद को बच्चों की ग्रोथ और विकास में सुधार करने वाले हेल्थ ड्रिंक के रूप में दिखाता है लेकिन इसमें चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। शिकायत में कहा गया कि इस उत्पाद में और भी ऐसे पदार्थ होते हैं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। लोग इस कड़ी में उन उत्पादों के नाम बता रहे हैं जिन्हें फर्जी दावों के साथ बेचा जाता है।

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