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खादी और गांधी बने कोरोना से लड़ने के हथियार

कोरोना से युद्ध लड़ने के लिए तैयार है यह देशी मास्क

 

आशुतोष कुमार सिंह

नई दिल्ली/ 13 अप्रैल/ SBM
कोरोना को हराने के लिए भारत हर संभव प्रयास कर रहा है। इस प्रयास में खादी ग्रामउद्योग का भी नाम जुड़ गया है। खादी ग्राम्य उद्योग ने खादी मास्क बनाने का बीड़ा उठाया है। उसका यह प्रयास लाखों लोगों को कोरोना से लड़ने में हथियार का काम करेगा। वैसे भी भारत की पहचान खादी और गांधी रहे हैं। इस पहचान को कोरोना काल में फिर से बल मिला है।
सरकार ने विज्ञप्ति जारी कर  बताया है कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने सफलतापूर्वक एक दोहरी परत वाले खादी मास्क का विकास कर लिया है। अपनी इस सफलता के साथ, केवीआईसी ने हाल ही में जम्मू और कश्मीर सरकार को 7.5 लाख खादी मास्क की आपूर्ति करने का आदेश प्राप्त किया है। 5 लाख मास्क जम्मू जिले को, एक लाख चालीस हजार पुलवामा जिले को, एक लाख उधमपुर जिले और 10,000 कुपवाड़ा जिले को दिए जाएंगे। इन मास्क की आपूर्ति 20 अप्रैल तक इन जिलों के विकास आयुक्तों को की जाएगी। कॉटन के दोबारा इस्तेमाल में लाए जा सकने वाले ये मास्क 7 इंच लंबे और 9 इंच चौड़े होंगे, इनमें तीन सलवटें होंगी और बांधने के लिए कोनों में चार पट्टियां होंगी।
केवीआईसी अध्यक्ष श्री वी. के. सक्सेना ने कहा कि “केवीआईसी इन मास्क के निर्माण के लिए दो परत वाले खादी कपड़े का खास तौर पर उपयोग कर रहा है। इन कपड़ों की खासियत यह है कि ये अंदर की नमी को 70 फीसदी बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही इन कपड़ों से बने मास्क पहनने से सांस लेने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है। यहीं कारण है कि इसे सबसे अच्छा, आसानी से आसानी से उपलब्ध, जेब में आ सकने वाला वैकल्पिक फेस मास्क कहा जा रहा है।

 “ये मास्क ज्यादा विशेष इसलिए हैं क्योंकि ये हाथ से बुने हुए खादी के कपड़े से बने हैं जो कि सांस लेने योग्य होते हैंआसानी से उपयोग किए जा सकते हैं और धोने योग्य व बायोडिग्रेडेबल होते हैं। “- केवीआईसी अध्यक्ष श्री वी. के. सक्सेना के शब्द

 

जम्मू के इस खादी केन्द्र पर बन रहा है खादी मास्क

वर्तमान में जम्मू के पास नगरोटा में खादी सिलाई केंद्र को एक मास्क सिलाई केंद्र में बदल दिया गया है, जो प्रति दिन 10,000 मास्क का उत्पादन कर रहा है, वहीं शेष ऑर्डर श्रीनगर में या आसपास के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों और खादी संस्थानों में बांटे जा रहे हैं।
एक मीटर खादी के कपड़े में 10 डबल लेयर वाले मास्क बनाए जाएंगे। 7.5 लाख मास्क बनाने के लिए लगभग 75,000 मीटर खादी कपड़े का उपयोग किया जाएगा। इससे खादी कारीगरों के लिए आजीविका के अवसरों में और वृद्धि होगी। चूंकि जम्मू-कश्मीर खादी संस्थान केवल ऊनी कपड़े का उत्पादन कर रहे हैं, इसलिए हरियाणा और यूपी के खादी संस्थानों से सूती कपड़े की खरीद की जा रही है और जिला अधिकारियों से विशेष अनुमति लेकर उन्हें भेजा जा रहा है।

सभी खादी संस्थानों से अपील

इस बीच देश भर में स्थानीय प्रशासन का समर्थन करने के लिए केवीआईसी अध्यक्ष द्वारा सभी खादी संस्थानों को अपील जारी की गई है कि वे कम से कम 500 मास्क अपने संबंधित जिलों के जिला कलेक्टरों को उपयोग और आगे वितरण के लिए मुफ्त में दें। केवीआईसी में 2400 सक्रिय खादी संस्थान हैं और इस कदम से देश भर में 12 लाख मास्क प्रदान किए जाएंगे। अपील के बाद कई खादी संस्थानों ने जिला कलेक्टरों को 500 मास्क प्रदान करने शुरू कर दिए हैं।

 कोरोना महामारी से लड़ने के लिए फेस मास्क सबसे महत्वपूर्ण उपकरण हैं। डीटी फैब्रिक से तैयार ये मास्क भारत का एकमात्र ऐसा समाधान है जो चिकित्सा दिशानिर्देशों का सटीक मिलान करते हुए गुणवत्ता और मांग के पैमाने को पूरा कर सकता है।”-  वी. के. सक्सेना, अध्यक्ष, केवीआईसी

कोरोना आपातकाल में गांधी का संयम ही रामवाण दवा है। गांधी जी ने जिस खादी की बात की थी, वह हमारी सांसो की रक्षक के रूप में सामने आ रहा है। आज के समय में हमें गांधी जी से संयमित जीवन जीने की कला सीखनी होगी और खादी का मास्क पहन कर कोरोना को मात देना होगा। तभी हमें जीत मिलेगी।

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