कोरोना बिना किसी के जाति, धर्म, संप्रदाय, रंग, रूप, गरीबी, अमीरी को देखे समान रूप से सबको अपना शिकार बना रहा है। मानवीय जीवन संकट में है। समाधान एकत्व में ही है।
आशुतोष कुमार सिंह
नई दिल्ली/
कोरोना को जिसने हल्के में लिया आज उसकी जान हलक में अटकी हुई है। कोरोना ने पूरी दुनिया में अपना तांडव और तेज कर दिया है। जिन राष्ट्रों ने अपने को सबसे ज्यादा शक्तिशाली समझा वहां मौत का आंकड़ा गिनना भारी पड़ रहा है। ताजा आंकड़ो की बात की जाए तो पूरी दुनिया में अभी तक 1 लाख 14हजार 215 लोगों की जान जा चुकी है। संक्रमितो की संख्या पूरी दुनिया में 18 लाख 50 हजार के पार जा चुका है। जबकि ठीक होने वालों की संख्या 4 लाख 30 हजार है।
भारत में मरने वालों की संख्या 300 के पार पहुंची
भारत में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान समय में आज सुबह आठ बजे तक के सरकारी आंकड़ों के अनुसार यहां पर मरने वालों का आंकड़ा 300 के पार जा चुका है। 308 लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं। जिसमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं। जिनकी मौत पिछले दिनों इंदौर में हुई है। देश की राजधानी दिल्ली में संक्रमितों की संख्या 1000 के पार जा पहुंची है। यह आंकड़ा सुबह तक 1103 था। 24 लोगों की मौत हो चुकी है और 27 लोग ठीक हो चुके हैं। ठीक होने और मरने वालों के आंकड़े लगभग समान है। यह चिंता का विषय है दिल्ली के लिए। हालांकि कि चिकित्सकों का कहना है कि दिल्ली में इस वायरस का आक्रमण कम प्रभावी है। सीवियर केसों की संख्या कम है। इसे सुखद कहा जा सकता है।
कोरोना ने जिस तरह से कहर बरपाया है, वह जग जाहिर है। उसने किसी को नहीं छोड़ा है। उसने बिना किसी के जाति, धर्म, संप्रदाय, रंग, रूप, गरीबी, अमीरी को देखे समान रूप से सबको अपना शिकार बना रहा है। मानवीय जीवन संकट में है। समाधान एकत्व में ही है। घर में बने रहना ही इसका ईलाज है। घर का दरवाजा बंद रखें और सुरक्षित रहें।