मां ने बेटे को, पिता ने बेटी को किडनी देकर बचायी जान
दीपक कुमार
पटना। पटना एम्स ने किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा की शुरुआत से एक नया मिसाल कायम कर लिया है। यहां सीतामढ़ी निवासी 56 साल की मां ने 34 साल के बेटे को एवं जहानाबाद निवासी 53 साल के पिता ने 19 साल की मेडिकल छात्रा बेटी को किडनी देकर जान बचाई है। डोनर और दोनों मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं जिन्हें अभी निगरानी में 14 दिनों के लिए एम्स में ही रखा गया है।
कतार में 6 मरीज और
एम्स में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी देते हुए पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर सौरव वार्ष्णेय ने बताया कि ट्रांसप्लांट पूरी तरह सफल और सुरक्षित रूप से हो गया। उन्होंने बताया कि अभी 6 नए मरीज कतार में हैं जिनका भी बारी-बारी से किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि हम एम्स को इस स्तर का सुविधा युक्त अस्पताल बनाने जा रहे हैं जहां सप्ताह में काम से कम दो मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया जा सके। फिलहाल हम महीना में एक या दो किडनी ट्रांसप्लांट करेंगे, उसके बाद धीरे-धीरे हम सप्ताह में दो किडनी ट्रांसप्लांट करेंगे।
3 से साढ़े 3 लाख में किडनी ट्रांसप्लांट
उन्होंने कहा कि आहार विहार में परिवर्तन, फास्ट फूड, शराब, नशा एवं अन्य तरह के खानपान के चलते एक ऐसा स्टेज आ जाता है जहां लोगों को ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ता है। उन्होंने लोगों से आहार विहार में व्यापक परिवर्तन के साथ नशा एवं फास्ट फूड जैसी चीजों से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि अगर निजी हॉस्पिटल में किडनी ट्रांसप्लांट में 10 लाख खर्च आता है तो हमारे यहां तीन से 3 से साढ़े 3 लाख में यह सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने पूरी टीम खासकर नेफोलॉजी एवं एनेस्थीसिया टीम को सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।