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विश्वास कीजिए! इसी इंटरनेशनल घर में रखी जाती है जनऔषधि

 गुरुग्राम के बिलासपुर में स्थित है 65 हजार वर्ग फूट में बना केन्द्रीय जनऔषधि भंडारण केन्द्र

 
आशुतोष कुमार सिंह
जनऔषधि के गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों की तह में जाने के लिए यह आवश्यक था कि हम उस जगह जाएं जहां पर जनऔषधि रखी जाती है। जहां से पूरे देश में जनऔषधि की सप्लाई होती है। प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना के केन्द्रीय कार्यालय झंडेवालान स्थिति वीडियोकॉन टॉवर से जब पत्रकारों की टोली केन्द्रीय जनऔषधि भंडारण केन्द्र का  मुआयना करने लिए निकली तो तमाम तरह के सवाल मन में थे।
झंडेवालान से गुरुग्राम के बिलासपुर पंचायत स्थित केन्द्रीय जनऔषधि भंडारण केन्द्र पर जब हम पहुंचे तो वहां की व्यवस्था देखकर सभी पत्रकार मित्र अचंभित थे। कोई यह विश्वास करने के लिए तैयार नहीं था कि यह भारत सरकार की कोई परियोजना है। और इसके लिए सरकार इतने व्यापक स्तर पर काम कर रही है। सबसे पहला सवाल यही मन में आया कि क्या सरकार भी इतनी  अच्छी व्यवस्था रख सकती है?  सुखद पक्ष  यह रहा कि  इस  सवाल का जवाब हाँ में था। एक पत्रकार मित्र ने कहा कि जनऔषधि को रखने के लिए तो सरकार ने इंटरनेशनल घर बना दिया है।

65 हजार वर्गफूट में फैले इस वेयर हाउस में तकरीबन डेढ़ सौ करोड़ रुपये की जेनरिक दवाइयां वर्तमान में उपलब्ध थी। उनका रख-रखाव में कहीं कोई कोताही नज़र नहीं आई। दवाइयों का भंडारण हेतु उचित टेंपरेचर की व्यवस्था से लेकर दवाइयों की डिस्पैचिंग तक सबकुछ फूलप्रूफ था। दवाइयों को अलग-अलग वर्गों में इस तरीके से रखा जा रहा था कि जब जरूरत हो उन दवाइयों की उपलब्धता से लेकर उसके लोकेशन तक को ट्रेस किया जा सकता था। ऐसा लग रहा था मानो सबकुछ ऑटोमेशन मोड में हो। यहां तक की दवाइयों की पैकेटिंग भी ओटोमेटेड मोड में हो रहा था।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के सीइओ सचिन कुमार सिंह हैं। जब से उन्होंने कार्यभार संभाला  है जनऔषधि परियोजना को एक नया योजनाकार मिल गया है। रेंगती फाइलों को पर निकल  आएं हैं। परियोजना से जुड़े सारे कर्मचारी एवं अधिकारी काम को काम की तरह लेने लगे हैं। गुरुग्राम में बने इस वेयर हाउस के मीडिया से दिखाने का आइडिया भी इन्हीं का था। मीडिया मित्रो को जनऔषधि के बारे में जिस कंफीडेंस के साथ श्री सिंह बता रहे थे, ऐसा लग रहा था कि वे जनऔषधि से जुड़े एक-एक पहलू की स्टडी बहुत ही संजिदगी के साथ किए हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए पीएमबीजेपी की सीइओ सचिन कुमार सिंह ने कहा कि, ‘जनऔषधि केन्द्रों पर दवाइयों की अनुपलब्धता की समस्या को हमने बहुत हद तक नियंत्रित कर लिया है। दवाइयों की आपूर्ति प्रणाली को हम हाइटेक कर रहे हैं। हमारे साथ जुड़े किसी भी जनऔषधि विक्रेता को दवा की उपलब्धता को लेकर अब परेशान होने की जरूरत नहीं है।’   श्री सिंह ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना का लक्ष्य अंतिम जन तक सस्ती एवं उच्च कोटि की जेनरिक  दवाइयों को पहुंचाना है। इसके लिए प्रखंड स्तर तक हम जनऔषधि केन्द्र खोलने के लिए आवेदन मंगा रहे हैं।’ केन्द्रीय दवा भंडारण केन्द्र, बिलासपुर की क्षमता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, ‘हमारे पास 5 हजार जनऔषधि केन्द्रों को आपूर्ति देने योग्य 65 हजार वर्ग फीट का वेयर हाउस है। यह डब्ल्यूएचओ के मानको के अनुसार बनाया गया है। इस वेयर हाउस से रिटेल जनऔषधि दुकानों को भी डायरेक्ट दवाइयां आपूर्ति की जा रही है।’

आपूर्ति में हो रही समस्या के बारे में अपनी बात रखते हुए श्री सिंह ने कहा कि, ‘हम अपने सिस्टम को अपग्रेड कर रहे थे। इस अपग्रेडेशन के कारण बीच में आपूर्ति की समस्या आई थी। अब यह समस्या लगभग नियंत्रित है। आपूर्ति समस्या को दूर करने के लिए पीएमबीजेपी के अंतर्गत क्षेत्रीय दवा भंडारण केन्द्र भी खोले जा रहे हैं। प्रथम चरण में गुवाहाटी में क्षेत्रीय वियर हाउस खोला गया है। अगले चरण में बंगलुरु एवं इंदौर में वियर हाउस खोलने की तैयारी चल रही है।’

तकनीक से आपूर्ति की समस्या का समाधान करने की बात करते हुए सीइओ ने कहा कि, ‘हम अपने आपूर्ति चेन को सैप आधारित साफ्टवेय से जोड़ रहे हैं। इससे जनऔषधि केन्द्र संचालक डायरेक्ट अपना आर्डर हमें प्रेषित कर सकेंगे और हम त्वरित तरीके से उन्हें दवाइयों की आपूर्ति कर सकेंगे।’

जनऔषधि की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए श्री सिंह ने  कहा कि, ‘हम उन्हीं कंपनियों से अपनी दवाइयां बनवाते हैं जो जीएमपी एवं डब्ल्यू एचओ द्वारा प्रमाणित हैं। उसके बाद भी हम दवाइयों की गुणवत्ता को तीन स्तरों पर चेक करते हैं। किसी भी तरह की त्रुटि पाए जाने पर हम दवा को बाजार में नहीं भेजते हैं।’

गौरतलब है कि वर्तमान  समय में जनऔषधि केन्द्रों पर जरूरी दवा सूची के 309 दवाइयां उपलब्ध हो चुकी हैं। बाजार से यहां पर 90 फीसद तक सस्ती दवाइयां उपलब्ध हो रही है। वर्तमान समय में 629 जिलों में 3940 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्र खुल चुके हैं।

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