नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारत में क्वालिटी हेल्थकेयर पर बात करती पुस्तक डॉ. जे. एल. मीना: पीएसचसी से एनएमसी तक के लोकार्पण समारोह में भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव डॉ आलोक कुमार मिश्रा जी ने स्वास्थ्य को भारतीय दृष्टि से देखने पर बल दिया।
आत्मा शुद्ध तो तन-मन स्वस्थ
उन्होंने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा कि आत्मा शुद्ध हो तो मन से तन तक स्वस्थ रहेगा। आप स्वाद से समझौता नहीं करेंगे तो स्वस्थ रहेंगे। स्वास्थ्य की चाभी तो आपके ही पास है। केवल पहचानने की देर है। ठीक उसी तरह जैसे जानकारी रहने पर ही बाद्ययंत्र से मधुर सुर निकाले जाते हैं। डॉ. मिश्र ने कहा कि बीमारी मन से आरंभ होती है इसलिए आपको चैतन्य और जिम्मेदार होना होगा। मन मजबूत नहीं हो तो बीमारी दबोच सकती है।
हेल्थ सुधार यात्रा का मार्गदर्शक
उन्होंने इस किताब को हेल्थ सुधार यात्रा का मार्गदर्शक बताया। इससे स्वस्थ भारत मिशन का नया आकाश छू सकेगा। मालूम हो कि हेल्थ एक्टिविस्ट आशुतोष कुमार सिंह लिखित पुस्तक डॉ. जे. एल. मीना: पीएसचसी से एनएमसी तक क्वालिटी हेल्थकेयर पर समर्पित है जिसकी ज्यादा जरूरत है।