नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। देश के कुछ हिस्सों में भूजल में आर्सेनिक और 469 जिलों में फ्लोराइड मिला है जो रोगकारक है। यह जानकारी केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा को दी है। एक लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) की रिपोर्ट में बताया गया है कि भूजल में इस तरह का दूषण (Contamination) ज्यादातर भूगर्भिक है। यानी ये घटक पहले से ही चट्टान या मिट्टी के मैट्रिक्स में मौजूद हैं और विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं के जरिये भूजल में मिल जाते हैं।
भूजल की निगरानी करता है CGWB
CGWC आर्सेनिक और फ्लोराइड के भूजल कंटैमिनेशन सहित भूजल गुणवत्ता की नियमित निगरानी और मूल्यांकन करता है। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अन्य संस्थानों के साथ मिलकर विभिन्न अध्ययन भी किए हैं। ये अध्ययन विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इंसानी इस्तेमाल के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित सीमा से परे भूजल में आर्सेनिक और फ्लोराइड के मौजूद होने का संकेत देते हैं।
8 राज्यों में सर्वे होगा
CGWB ने राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (NIH) के साथ मिलकर 2010 में भारत में भूजल संकट का शमन और समाधान: एक विजन दस्तावेज पर एक रिपोर्ट तैयार की थी। इसे विभिन्न संबंधित एजेंसियों और विभागों को भेजा गया है। हाल ही में CGWB ने आठ राज्यों-पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और असम-पर केंद्रित आर्सेनिक और फ्लोराइड सहित भूजल प्रदूषण के अध्ययन के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के साथ एक समझौता किया है।