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कैंसर के गरीब मरीजों का फ्री में इलाज करने वाले डॉक्टर को मैग्सेसे अवॉर्ड

कुणाल मिश्र

नयी दिल्ली। कैंसर एक गंभीर समस्या है, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। इसका उपचार नहीं मिल पाने के कारण बहुत से लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। ऐसे में असम के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि कन्नन कैंसर के गरीब रोगियों की मदद कर रहे हैं। डॉ. रवि मरीजों के इलाज में उनकी मदद करते हैं। इसके लिए उन्हें रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड 2023 के लिए चुना गया है। वे पहले भी पद्मश्री अवॉर्ड जीत चुके हैं।

कौन हैं डॉ. रवि कन्नन?

दरअसल, डॉ. रवि ऑन्कोलॉजिस्ट और कछार कैंसर अस्पताल के निदेशक हैं। वे मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं। वे भारतीय वायु सेना कर्मी के बेटे हैं। उनकी मां इंदुमति उन्हें बचपन से ही डॉक्टर बनाना चाहती थीं। कैंसर के प्रति ईमानदारी और अहम भूमिका निभाने के लिए उन्हें इस अवॉर्ड के लिए चुना गया है। साल 2007 में डॉ. रवि कछार कैंसर अस्पताल के निदेशक बने, जिसके बाद से उन्होंने इस अस्पताल में कैंसर के मरीजों के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराकर इसे पूरी तरह से कैंसर के अस्पताल में तब्दील कर दिया।

मुफ्त में किया जाता है इलाज

डॉ. रवि के निर्देशन में चलाए जाने वाले इस अस्पताल में हर साल कैंसर के 5 हजार मरीजों का इलाज मुफ्त में किया जाता है। कुछ समय पहले तक इस अस्पताल में केवल 23 लोग ही काम करते थे, लेकिन डॉ. रवि के निदेशक बनने के बाद इस अस्पताल का स्टाफ बढ़कर 450 हो गया है। डॉ. रवि का मानना है कि पैसों की वजह से कैंसर के किसी भी मरीज की जान नहीं जानी चाहिए। उनकी टीम अस्पताल नहीं पहुंच पाने वाले गरीब मरीजों के घर और गांव तक जाकर उनका इलाज मुफ्त में करती है।

करना पड़ा कई चुनौतियों का सामना

कैंसर के रोगियों का इलाज करने के दौरान डॉ. रवि को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। नॉर्थ ईस्ट भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या के साथ ही साथ इस रोग से होने वाली मौत की भी संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में डॉ. रवि को इलाज के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

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