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आयुर्वेदिक शिक्षा का हब बना महाराष्ट्र

नई दिल्ली। भारत में ही आयुर्वेद की खोज हुई और यहीं से दुनिया भर में प्रचलित भी लेकिन कई कारणों से यह अपने देश में ही उपेक्षित रहा। केंद्र में आयुष मंत्रालय बनने और कोरोना काल में काढ़ा के प्रचलन ने पुनः इसकी प्रतिष्ठा वापस दिलायी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाराष्ट्र आयुर्वेदिक शिक्षा का हब बन कर सामने आया है?

सबसे अधिक कॉलेज महाराष्ट्र में

जी हां, यही सच्चाई है। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि यहां देश भर में आयुर्वेद की पढ़ाई के लिए सबसे ज्यादा कॉलेज भी हैं और सबसे ज्यादा छात्र भी। आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने यह स्वीकार किया है। उनके मुताबिक देश में करीब 5000 छात्र आयुर्वेद में पीजी कर रहे हैं जिसमें करीब 1500 अकेले महाराष्ट्र में हैं। यहां कॉलेजों की संख्या 87 है।

राज्यों की स्थिति

बिहार के पटना में न केवल आयुर्वेद कॉलेज है बल्कि साथ ही अस्पताल भी जहां मरीजों का इलाज होता है। जानकारी के मुताबिक निजी और सरकारी, स्व वित्तपोषित आयुर्वेद कॉलेज करीब 10 हैं। कर्नाटक में 87 कॉलेज और 1044 छात्र, यूपी में 82 कॉलेज और 312 छात्र, केरल में 18 कॉलेज और 288 छात्र, राजस्थान मेें 12 कॉलेज और 271 छात्र, गुजरात में 35 कॉलेज और 195 छात्र, एमपी में 30 कॉलेज और 164 छात्र तथा दिल्ली में कॉलेज 3 और 157 छात्र हैं।

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